सम्पादकीय

मोदी है तो मुमकिन है-कोरोना अब कुछ दिन है

Subhi
24 Oct 2021 3:55 AM GMT
मोदी है तो मुमकिन है-कोरोना अब कुछ दिन है
x
यह भारत ही है जिसके सर्वाधिक लोकप्रिय और सर्वाधिक कर्त्तव्यपरायण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के बारे में कहा गया था कि मोदी है तो मु​मकिन है। यह बात जिस माहौल में कही गई उस समय कोरोना नहीं था |

किरण चोपड़ा: यह भारत ही है जिसके सर्वाधिक लोकप्रिय और सर्वाधिक कर्त्तव्यपरायण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के बारे में कहा गया था कि मोदी है तो मु​मकिन है। यह बात जिस माहौल में कही गई उस समय कोरोना नहीं था लेकिन पिछले दो साल से देश और दुनिया को जिस महामारी ने झकझोर कर रख दिया उस महामारी को देश से बाहर खदेड़ने का काम अगर किसी ने किया है तो वह मोदी जी ही हैं। ऐसे में मोदी जी के बारे में बिल्कुल ठीक ही कहा गया है कि मोदी है तो मुमकिन है। इसमें अब हम लेखनी के माध्यम से कुछ और जोड़ते हुए इस प्रकार कह रहे हैं-मोदी है तो मुमकिन है,कोरोना अब कुछ दिन है।''संपादकीय :श्रीनगर में अमित शाहसतर्कता का दामन न छोड़ेंसड़कों पर कब्जे का हक नहींघर में नहीं दाने, इमरान चले भुनानेन्याय की बेदी पर लखीमपुरनई चौकड़ी : राजनीतिक भूचालहकीकत यही है ​क्योंकि आप अंदाजा लगाइये कि देश में टीकाकरण 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुआ और गुरुवार 21 अक्तूबर, 2021 तक भारत 100 करोड़ वैक्सीनेशन का ​रिकार्ड स्थापित कर चुका है। मजबूत सुरक्षा कवच बन चुका है। जिसका मतलब यह हुआ कि देश की 75 प्रतिशत आबादी टीकाकरण की पहली डोज ले चुकी है। जब भारत इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुका है तो ऐसा करने वालों की देशवासी तारीफ ही करेंगे और दुनिया की सबसे बड़ी हैल्थ संस्था डब्ल्यूएचओ के साथ-साथ यूनिसेफ ने भी भारत के इस टीकाकरण महाअभियान की दिल खोल कर तारीफ की है। तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री माेदी जी से मैं अपने बड़े पुत्र श्री आदित्य नारायण चोपड़ा के साथ मिली थी। उनके चेहरे का गौरव उनकी सफलता देश के ​लिए काम करने की कहानी बता रहा था और उनसे बात करके मालूम पड़ता है कि यह देश का प्रधानमंत्री जमीन से जुड़ा आम और खास व्यक्ति से जुड़ा, जो देश की जमीनी हकीकत से जुड़ा है, जिसके पास देश की छोटी से छोटी, बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान है। भारत सरकार बधाई की पात्र है आैर आज की तारीख में दुनिया के नक्शे पर 200 से ज्यादा देश हैं और भारत इनमें दूसरे नम्बर पर है जोकि एक अरब से ज्यादा वैक्सीनेशन लगा चुका है। हालांकि इससे पहले इस उपलब्धि के लिए चीन को माना जा रहा है। जब कोरोना के कुछ ही मरीज सामने आए थे, उसी समय हमारे वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके बहुत ही कम समय में देशवासियों के लिए वैक्सीन्स विकसित की है। आज दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन भारत में है। इसमें भारत के वैज्ञानिकों का बहुत योगदान है, साथ ही देश के प्रधानमंत्री मोदी जी का, जिन्होंने फास्ट ट्रैक पर रखा यह एक टीम वर्क था, जिसके कारण भारत मेड इन इंडिया वैक्सीन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान कर पाया। मोदी जी ने इसकी गति अाैर ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों तक जरूरतमंद लोगों तक वैक्सीन पहुंचें इस पर बहुत जोर दिया।मेरा मानना है कि योजनाएं बनाना अलग बात है और इसे लागू करना दूसरी बात है। योजनाएं तो बहुत से लोग और महापुरुष बनाते हैं। सरकारें और प्रशासन भी पूर्व में योजनाएं बनाते रहे हैं परन्तु देश का प्रधानमंत्री योजना बनाने के बाद उसे जमीन पर उतराने के लिए जब अपनी टीम के साथ जुट जाता है तो उसका परिणाम सफलता के रूप में ही मिलता है। क्योंकि टीकाकरण को लेकर आज से आठ महीने पहले बड़े आरोप-प्रत्यारोप राजनीति से जोड़कर लगाए गए लेकिन हमारे प्रधानमंत्री अपनी टीम के साथ डटे रहे। उनका सारा फोकस अर्जुन की तरह चिड़िया की आंख पर था। इस टारगेट काे पूरा होने के लिए हम पूरे देश के हैड के साथ-साथ हर देशवासी को बधाई देते हैं। हर सरकारी डाक्टर या प्राइवेट डाक्टर, मैडिकल कर्मी हमारी अस्पताल की नर्स यानी कि सिस्टर और लैबकर्मी हों या मीडिया या पुलिस या फिर अन्य समाजसेवी संगठन, जिस-जिस ने भी वैक्सीनेशन में अपना योगदान दिया है वे सब बधाई के पात्र हैं। हमारा एक अनुरोध है कि सरकार इस खास दिन को यानी ​कि 21 अक्तूबर को वैक्सीनेशन रिकार्ड डे के रूप में दर्ज करे और प्रेरणा के लिए जो बाकी 30 करोड़ वैक्सीन बची हैं उसके लिए भी जल्दी टारगेट को पार कर लेना चाहिए। फिलहाल अगर देशवासी जश्न मना रहे हैं तो हम भी इसकी कड़ी हैं और सरकार बधाई की पात्र है लेकिन एक छोटा सा अनुरोध भी है कि याद रखो कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसका फन कुचल दिया गया है। दोबारा सिर न उठाए इसलिए सावधानी जरूरी है, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क इसलिए जरूरी है क्योंकि त्यौहार सिर पर हैं। हमें भीड़ से बचना है। अगर हम सेनेटाइजेशन कर रहे हैं और मास्क लगाकर आगे बढ़ रहे हैं तो कोई कोरोना कुछ नहीं कर पाएगा। कोरोना का हाथी निकल गया है पूंछ बाकी है। कुल मिलाकर मोदी जी टीम ने चाहे वे ​अमित शाह, राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल या अन्य अधिकारीगण हों सबके सब कोरोना खात्मे के लिए परामर्श से लेकर इलाज तक सही फीडबैक देते रहे और पीएम अपना काम करते रहे। हर एजैंडे पर पीएम पूरी जांच करते रहे, उम्मीद है कि देश का प्रधानमंत्री जो खुद को लोकसेवक कहता है इसी तर्ज पर कोरोना के खिलाफ लड़ते रहेंगे। पूरा देश उनके साथ खड़ा है, हमारा यह संकल्प है और हमें उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि कोराेना देश और दुनिया से जल्द विदा लेने वाला है लेकिन जश्न में सावधानी से चूकना नहीं है तो हमारी जीत शत-प्रतिशत तय है।

Next Story