सम्पादकीय

मिशन एडमिशन शुभ हो, पर अलर्ट भी रहें

Gulabi
21 Feb 2021 11:59 AM GMT
मिशन एडमिशन शुभ हो, पर अलर्ट भी रहें
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कोरोना ने जीवन के हर क्षेत्र में हमें प्रभावित किया है लेकिन भारत और विशेष रूप से दिल्ली के लोग लड़ना और जूझना जानते हैं,

कोरोना ने जीवन के हर क्षेत्र में हमें प्रभावित किया है लेकिन भारत और विशेष रूप से दिल्ली के लोग लड़ना और जूझना जानते हैं, लॉकडाउन के बाद सबकुछ अनलॉक हुआ तो हमें सबसे बड़ा क्रांतिकारी सुधार शिक्षा के क्षेत्र में देखने को मिला। स्वागत किया जाना चाहिए कि नन्हे नौनिहालों के लिए अब मिशन एडमिशन अर्थात नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दिल्ली के लोग अपने बच्चों की नर्सरी एड​मिशन के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने इस पर एक बड़ा काम करते हुए दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी है, खुशी इस बात है कि अब तक 1700 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी दाखिले का कामकाज पूरे नियमों के साथ शुरू हो चुका है लेकिन हमारा मानना है कि अब जबकि सबकुछ सामान्य हो रहा है तो खतरे से सावधान रहना होगा, और नियमों का पालन करना भी जरूरी है।


अनेक लोग मुझसेे अपने पसंदीदा स्कूल में दाखिले के लिए हमेशा सिफारिश चाहते रहते हैं, मैं सबको स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि याद रखें स्कूलों का सिस्टम एडमीशन के मामले में एकदम पारदर्शी है, सबकुछ ऑनलाइन चल रहा है मेरा खुद का मानना है कि आप ऑनलाइन रहिए यह एक अच्छा कारगर उपाय है, मुसीबत में डटे रहना और चुनौतियों से खेलना ही सही मायनों में जीवन है, खुद प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब कोरोना बहुत बढ़ रहा था तब कहा था कि आइए, मुसीबत में या महामारी में अवसर की तलाश कीजिए, भारत ने कोरोना महामारी के चलते लोकल पर वोकल का अवसर ढूंढ लिया।

इस मामले में केजरीवाल सरकार भी बधाई की पात्र है जिसने एक लंबे दौर के बाद सीनियर छात्र-छात्राओं की कक्षाएं और कॉलेज ऑनलाइन से ऑफलाइन में बदल दी हैं, बड़ी चिंता नर्सरी एडमीशन की थी जो पिछले साल कोरोना की भेंट चढ़ गई लेकिन अब सबकुछ सामान्य रूप से हो रहा है, यह भी बड़ी अच्छी बात है कि दिल्ली के कई स्कूलों में अभिभावक अगर पहुंचते हैं तो उन्हें फार्म दे दिए जाते हैं, हमारी अभिभावकों से अपील है कि वे ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में फॉर्म भरें और नियमों का पालन करते हुए चार-पांच स्कूलों तक फार्म भरे जा सकते हैं। फिर भी नियमों का पालन भी इस लिए जरूरी है कि छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए हमें अतिरिक्त उपाय करने चाहिएं। उनके कपड़े जूते पूरी तरह से सैनिटाइज किए जाने चाहिए। इससे पहले कि उनका नाम एडमिशन प्रक्रिया में आए छोटे बच्चों को सुन्दर मास्क लगाने की आदत जरूर डाल दें।

मुझे जानकारी मिली है कि कुछ माता-पिता जिनके बच्चे तीन साल से भी कम उम्र के हैं वे स्कूलों में फार्म जमा करा रहे हैं। याद रखें कि दाखिले की उम्र तीन वर्ष है। सरकार आैर सभी शिक्षा विभाग गंभीरता से नियमों का पालन करते हुए, दाखिला प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है, लेकिन अभिभावक भी गंभीर रहें यह समय की मांग है। पिछले दिनों एक अच्छी बात यह भी देखने को मिली कि अनेक प्राइमरी स्कूलों के बच्चों से जुड़े अभिभावक संघों ने सरकार से मांग की है कि छोटे बच्चों के स्कूल भी जल्दी खोले जाएं। जीवन पटरी पर आ रहा है लेकिन बच्चों के मामलों में हमें हर कदम फूंक-फूंक कर रखना है।

यह सच है कि हमने वैक्सीन तैयार कर ली है जो कि देश को सुरक्षित कर चुकी है, परन्तु शिक्षा की गाड़ी पटरी पर लाना जरूरी है और इसके लिए सुरक्षा के साथ सब आगे बढ़ें सबका भला हो तभी बात बनेगी और यह कोरोना के नियमों के पालन करने से संभव होगा। इसलिए नर्सरी के मिशन एडमिशन में लगे अभिभावकों और बच्चों के लिए हमारी तरफ से आ​शीर्वाद और गुडलक। विश्वास है कि मिशन एडमिशन सबके लिए शुभ होगा।


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