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धार्मिक संस्थानों में कितना दुराचार होता है, इसकी ताजा खबर अभी पेरिस से आई है। फ्रांस के रोमन केथोलिक चर्च के एक आयोग ने गहरी छान-बीन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि पिछले 70 साल में उसके 3000 पादरियों और कर्मचारियों ने बच्चों के साथ व्यभिचार किया है। इस छान-बीन में आयोग ने लगभग ढाई वर्ष लगाए, हजारों दस्तावेज़ खोजे और सैकड़ों लोगों की गवाहियाँ लीं। उसने पाया कि फ्रांस में 1950 से अब तक लगभग एक लाख 15 हजार पादरी और चर्च के अधिकारी रहे। उनमें से पता नहीं, कितनों ने क्या-क्या किया होगा लेकिन जब भी केथोलिक स्कूलों में जानेवाले या आश्रम और अनाथालय में रहनेवाले बच्चों के माता-पिता ने शिकायत की तो उसकी जाँच हुई लेकिन असली सवाल यह है कि कौनसे किस्से ज्यादा होते हैं ? वे ज्यादा होते हैं, जिनकी शिकायत नहीं होती। किसी धर्मध्वजी याने पादरी, पुरोहित और इमाम के खिलाफ शिकायत करना अपने आप में गुनाह बन जाता है।
नया इंडिया