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- निजता से खिलवाड़
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंततः केन्द्र सरकार को व्हाट्सएप मामले में हस्तक्षेप करना ही पड़ा। सरकार के इलैक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप के सीईओ बिल कैथर्ट को पत्र लिखकर नई नीति पर आपत्ति दर्ज कराते हुए स्पष्ट कहा है कि भारतीय यूजर्स के लिए नई शर्तें और प्राइवेसी नीति वापिस ली जाए। मंत्रालय ने यूजर्स के डेटा के सवाल को उठाते हुए कहा है कि चैट का डेटा बिजनेस अकाउंट से शेयर करने से फेसबुक की अन्य कम्पनियों को यूजर्स की सारी जानकारी मिल जाएगी। इससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। व्हाट्सएप की शर्त है कि उसकी शर्त मानीये नहीं तो यूजर्स चला नहीं पाएंगे। व्हाट्सएप यूरोप और भारत में अलग-अलग प्राइवेसी नीति अपना रहा है। भारत में ही व्हाट्सएप के सबसे ज्यादा यूजर्स हैं। दोहरी नीतियों पर भी सरकार ने आपत्ति जताई है। जब भारतीय संसद पर्सनल डेटा बिल पर विचार कर रही है, ऐसे में व्हाट्सएप द्वारा अपनी शर्तें लादना कई सवाल खड़े करता है। व्हाट्सएप ने स्टेटस के जरिये सफाई दी कि ''हम आपकी निजता को लेकर चिंतित हैं तो ट्विटर पर हैशटैग व्हाट्सएप ट्रेंड करने लगा था और मैसेज देखकर यूजर्स ने जमकर लताड़ लगाई थी।