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- मासिक धर्म अभिशाप...
मासिक धर्म एक ऐसा विषय है जिस पर खुलकर चर्चा करना आज भी हमारे समाज में अच्छा नहीं समझा जाता। विशेषकर अविकसित और विकासशील देशों के समाज में इस विषय के प्रति नासमझ और अवहेलना ने महिला के शरीर में आने वाले मासिक सामान्य तथ्य को एक गंभीर समस्या बना दिया है। इसी सोच को बदलने के लिए प्रतिवर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। विश्व में औसतन महिलाओं के लिए मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होता है और मासिक धर्म की अवधि पांच दिनों तक रहती है। इसलिए साल के पांचवें महीने की 28 तारीख को यह दिन मनाया जाने लगा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष इस दिवस का विषय 'मासिक धर्म को जीवन का एक सामान्य तथ्य बनाने के लिए 2030 तक एक वैश्विक आंदोलन का रूप देना' बनाया गया है। यह विषय एक सामान्य बात है, लेकिन इसकी भ्रांतियों ने इसे समस्या का रूप दे दिया है। हमें इस विषय के प्रति समाज का ध्यान वैज्ञानिक रूप से खींचने के लिए मुख्य चार बिंदुओं पर कार्य करना होगा, सही सूचना, समझ पैदा करना, क्षेत्र की सामाजिक व सांस्कृतिक भ्रातियों को वैज्ञानिक सोच के माध्यम से दूर करके साकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करना और इस विषय पर संवाद शुरू करना। सर्वप्रथम लड़कियों की माताओं और घर की बुजुर्ग महिलाओं को अपनी बेटियों को मासिक धर्म शुरू होने से पहले ही मानसिक तौर पर तैयार करना होगा ताकि शुरू होने पर वे अवैज्ञानिक भ्रांतियों के कारण तनाव, डर और झूठी खबर का शिकार न हो सकें, क्योंकि किसी भी विषय पर पहली बार मिलने वाली सूचना ही उस विषय पर समझ पैदा करती है। दुर्भाग्यवश परिवार में इस विषय पर संवाद न होने के कारण पहली बार लड़कियों के शरीर में होने वाली सामान्य जैविक प्रक्रिया समस्या बन जाती है। अन्य महत्त्वपूर्ण पहलू हमारे देश के विभिन्न क्षेत्र में व्याप्त, इस विषय से संबंधित सामाजिक व सांस्कृतिक भ्रांतियां हैं जिसने समाज में वैज्ञानिक सोच को पैदा होने ही नहीं दिया। मासिक धर्म की अवस्था में महिलाओं को रसोईघर, धार्मिक स्थल और कई शुभ स्थलों में जाने की अनुमति नहीं दी जाती।
सोर्स- divyahimachal