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- मुगालते में महबूबा:...
भूपेंद्र सिंह | प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों की बैठक में गुपकार गठबंधन के नेताओं ने शामिल होने की बात करके यह संकेत तो दिया कि वह दिल्ली आकर केंद्र सरकार के समक्ष अपनी बात कहने को आतुर हैं, लेकिन इसके आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि वे सकारात्मक रवैये का परिचय देंगे। ऐसा इसलिए नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इस गठबंधन के नेता यह इंगित कर रहे हैं कि वे कश्मीर में अलगाव और आतंक की जमीन तैयार करने वाले अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग कर सकते हैं। पता नहीं वे ऐसा करेंगे या नहीं, लेकिन उन्हेंं यह आभास हो जाए तो अच्छा कि इस अनुच्छेद की वापसी का स्वप्न देखना दिवास्वप्न देखने जैसा है। इस अनुच्छेद की वापसी की मांग का मतलब होगा, कश्मीर को आतंक की उसी अंधेरी खाई में धकेलने की कोशिश करना, जिससे उसे बड़ी मुश्किल से निकाला गया है। बेहतर हो कि गुपकार गठबंधन के नेता जमीनी हकीकत से परिचित हों। उन्हें दीवार पर लिखी यह इबारत भी पढ़नी चाहिए कि जिन दलों को अनुच्छेद 370 हटाने पर आपत्ति थी, वे भी उसकी वापसी की बात करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।