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- मीडिया समझ के नेता
Divyahimachal .
उपचुनावों की खैरियत पूछ रहे नेताओं की मीडिया समझ का विश्लेषण अकसर होता है, लेकिन इस सवाल का बहरूपियापन आज तक हिमाचल की सियासत को समझ नहीं आया। तुलनात्मक दृष्टि से देखंे तो युवा नेताओं में मीडिया की समझ निरंतर बढ़ रही है और ये पारंपरिक माध्यमों के अलावा सोशल मीडिया पर भी स्पष्टता से अपनी बात रख रहे हैं। मीडिया जगत से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के रिश्तों का सबसे बड़ा चेहरा मुकेश अग्निहोत्री बने, तो राजनीति से पत्रकारों की मैत्री का सवाल भी सामने आया और इसके बाद यह प्रथा आगे बढ़ रही है। नेताओं की मीडिया समझ उनकी सरलता और स्वभाव में सादगी की द्योतक भी है। वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस लिहाज से अब तक के सबसे नरम नेता बनते हुए दिखाई देते हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अपनी पहुंच व पड़ताल से मीडिया की हर रग को टटोला, कुरेदा और उन्हें हिमाचल की राजनीतिक शब्दावली दी। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मीडिया ज्ञान में इजाफा करते रहे। उनकी कार्रवाइयां मुखर होकर मीडिया जगत से कसरत कराती रहीं, तो पत्रकारिता की प्रश्नोत्तरी में वह सबसे हाजिरजवाब रहे। वह सत्ता या विपक्ष की भूमिका में एक समान 'हैडलाइन' बनते रहे, तो उनके व्यक्तित्व के भाव से मीडिया विश्लेषण हुआ। इन सबसे हटकर शांता कुमार मीडिया संबंधों में आदर्श भरते-भरते, स्वयं लेखक तो बने, लेकिन उनके दौर का विरोध बताता है कि कहीं दूरियां रहीं। प्रेम कुमार धूमल ने मीडिया संतुलन को निचली पायदान तक और राजधानी शिमला से निकल कर प्रदेश की कंदराओं तक पहुंचाया, तो इस तरह निजी तौर पर कुछ पत्रकार आज भी उनके लिए सुर्खियां खोज कर लाते हैं।