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- मीडिया की मुश्किलें
बात अगर केवल संख्या तक सीमित रखी जाए तो तस्वीर बहुत खुशनुमा नजऱ आएगी। हमारे देश में मीडिया का खूब विस्तार हुआ है। भारत में लगभग एक लाख समाचार पत्र हैं जिनमें छत्तीस हज़ार साप्ताहिक हैं। इसी तरह तीन सौ अस्सी टेलीविजऩ चैनल हैं। इधर जब से ऑनलाइन मीडिया दृश्य पटल पर आया है बहुत कुछ है जो हमें सुलभ है, लेकिन जिसको इस गिनती में शामिल नहीं किया गया है। इनकी गुणवत्ता में भी बहुत बदलाव हुए हैं, लेकिन इससे यह न मान लिया जाए कि हमारा मीडिया परिदृश्य खुशनुमा और आश्वस्तिकारक है। हाल में एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्सÓ (आरएसएफ) ने अपनी बीसवीं वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक रपट ज़ारी की है। इस रिपोर्ट में 180 देशों और इलाकों में प्रेस स्वतंत्रता की स्थितियों की पड़ताल कर जो नतीज़े दिए गए हैं, वे बहुत आश्वस्तिकारक नहीं हैं। यह संगठन वर्ष 2002 से हर साल एक सूचकांक ज़ारी करता है।