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बाय दिव्यहिमाचल। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोरोना वायरस के दो अलग-अलग टीकों की खुराकें ज्यादा प्रभावशाली हैं। वे बूस्टर डोज़ का काम भी कर सकती हैं। यानी एक खुराक कोविशील्ड की ली जाए और दूसरी खुराक कोवैक्सीन की ली जा सकती है। दावा किया जा रहा है कि मिश्रित खुराक लेने वाले 18 लोगों पर अध्ययन किया गया है। उसके परिणाम सुखद, बेहतर और उत्साहवर्द्धक रहे हैं। मिश्रित टीके व्यक्ति के शरीर में ज्यादा इम्युनिटी पैदा करते हैं, लिहाजा संक्रमण बेअसर साबित होता है। ये एंटीबॉडी शरीर में कब तक मौजूद रहते हैं और वायरस से लड़ने में सक्षम होते हैं, इसका स्पष्ट खुलासा फिलहाल किया जाना है। आईसीएमआर के अध्ययन को ही निष्कर्ष मान लिया जाए अथवा कोरोना विशेषज्ञ समूह और अन्य टास्क फोर्स के कथनों का भी इंतज़ार किया जाए? यह बेहद संवेदनशील सवाल है, क्योंकि आम आदमी का स्वास्थ्य जुड़ा है। अभी तक भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का भी कोई बयान सार्वजनिक नहीं हुआ है। संसद में कोई लिखित जवाब दिया गया हो, उसकी जानकारी भी सामने नहीं है।