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- पांच राज्यों के चुनाव...
उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के चुनाव परिणामों पर सारे देश की आंखें लगी हुई थी। इसके दो कारण थे। उत्तर प्रदेश हिंदुस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। उससे अस्सी सांसद चुने जाते हैं। दूसरे उत्तर प्रदेश का पिछले चार दशकों का रिकार्ड है कि वहां जिस पार्टी का राज होता है, वह दूसरी बार सत्ता से बाहर हो जाती है। इस समय वहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। आंकड़ों और परंपराओं को आधार बना कर विश्लेषण करने वाले माहिर उसी के आधार पर क़यास लगा रहे थे कि उत्तर प्रदेश में सरकार बदल सकती है। शायद सोनिया गांधी ने भी इसी संभावना को देखते हुए अपनी बेटी प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश के चुनाव में झोंक रखा था। पिछली बार सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी को आगे करके यह प्रयोग किया था। उस समय मुलायम सिंह के सुपुत्र अखिलेश यादव भी राहुल के साथ थे। तब माहौल बनाया गया था कि 'यूपी के लड़के' चमत्कार करेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था। उस प्रयोग के बाद राहुल गांधी को इस बार नेपथ्य में रखा गया और प्रियंका गांधी को सेनापति बनाया गया। उसने 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' की सामग्री से प्रयोग करना चाहा, लेकिन कुल मिला कर उत्तर प्रदेश में सोनिया परिवार के हाथ दो-तीन सीटें ही लगीं। अखिलेश यादव की पार्टी ने मानना पड़ेगा अच्छा प्रदर्शन किया है। बहुत अरसे बाद उत्तर प्रदेश में दो पार्टी सिस्टम विकसित हो रहा है, लेकिन उस सिस्टम में कांग्रेस कहीं नहीं है। न सीटों के मामले में और न ही मत प्रतिशत प्राप्त करने के मामले में।