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- उछाल का अर्थ
काफी समय से लड़खड़ाती हुई आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था को औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी से काफी सहारा मिला है। जुलाई में औद्योगिक उत्पादन की दर में साढ़े ग्यारह फीसद की उछाल दर्ज हुई है। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार में भी उत्साहजनक वृद्धि हुई है। पिछले साल कोरोना के चलते पूरे देश में पूर्णबंदी करनी पड़ी थी। उसका सबसे बड़ा असर उद्योग-धंधों पर पड़ा, करीब दो महीने तक औद्योगिक उत्पादन ठप्प रहा। उसका नतीजा यह हुआ कि औद्योगिक विकास दर ने जबर्दस्त गोता खाया और पूरी अर्थव्यवस्था नकारात्मक चौबीस फीसद पर पहुंच गई थी। पहले से ही हिचकोले खा रही, नीचे की ओर रुख कर चुकी अर्थव्यवस्था को लिए यह सबसे बड़ा झटका था। आशंका जताई जा रही थी कि अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संभलना काफी मुश्किल होगा। तब सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कई प्रोत्साहन पैकेज घोषित किए। खासकर भवन निर्माण आदि के क्षेत्र में बरसों से बनी हुई सुस्ती तोड़ने के लिए कई बंदिशें हटाई गर्इं, प्रोत्साहन पैकेज घोषित किए गए। उसके सकारात्मक नतीजे अब दिखने शुरू हो गए हैं। खनन और बिजली क्षेत्र का जो उत्पादन निराशाजनक बना हुआ था, वह भी उत्साहजनक रूप से बढ़ा है।