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वैक्सीन पॉलिसी की हो रही आलोचनाओं और देश भर में वैक्सीन को लेकर फैले कन्फ्यूजन
संयम श्रीवास्तव। वैक्सीन पॉलिसी की हो रही आलोचनाओं और देश भर में वैक्सीन को लेकर फैले कन्फ्यूजन को खत्म करते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री ने जनता के नाम संदेश में एक बाऱ फिर मास्टर स्ट्रोक खेला. उन्होंने एक तीर से देशवासियों को दिल जीता और विपक्ष को चित भी कर दिया. उन्होंने अपने भाषण में बिना किसी का नाम लिए और बिना किसी पर तंज कसे बहुत साइलेंटली यह बता दिया कि राज्यों से वैक्सीनेशन संभल नहीं रहा था. इसलिए भारत सरकार ने फैसला लिया है कि पूरे देश में वैक्सीनेशन कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी. इसके साथ ही सभी देशवासियों को मुफ्त में वैक्सीन लगवाई जाएगी.
पीएम की घोषणा का मतलब है कि अब वैक्सीन खरीदने की जिम्मेदारी से लेकर होने वाले खर्च तक अब केंद्र सरकार खुद वहन करेगी. इधर कुछ दिनों से लगातार ऐसी खबरें आ रहीं थीं कि राज्यों को वैक्सीन नहीं मिल रही हैं साथ ही ऐसी भी खबरें आ रहीं थीं कि प्राइवेट अस्पताल अनाप-शनाप तरीके से लोगों से चार्ज वसूल रहे थे. उम्मीद की जानी चाहिए कि अब इन सब परेशानियों से मुक्ति मिल सकेगी. प्रधानमंत्री ने यह निश्चित कर दिया है कि केवल 25 परसेंट वैक्सीन प्राइवेट हॉस्पिटल खरीद सकेंगे. इसके साथ मुनाफे का कैप भी लगा दिया कि कोई भी अस्पताल इसके लिए मूल वैक्सीन के चार्ज से 150 रुपया ही अधिक सर्विस चार्ज के रूप में लिया जा सकेगा. इसके साथ ही अस्पताल इससे अधिक कमाई न कर सकें इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दे दी. इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि वैक्सीन पर्यटन के धंधे पर भी रोक लग सकेगी.
पीएम ने बिना विपक्ष या किसी राज्य के मुख्यमंत्री पर तंज कसे कहा कि राज्यों को गाइडलाइंस दी गई थी ताकि वे सहूलियत से काम कर सकें. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कोरोना के कम होते मामलों के बीच केंद्र के सामने अलग-अलग सुझाव आने लगे थे. मांग की जाने लगी और पूछा जाने लगा कि सब कुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है? राज्य सरकारों को छूट क्यों नहीं दी जा रही? लॉकडाउन करने की छूट राज्य सरकारों को क्यों नहीं मिल रही है? पीएम ने कहा कि वन साइज डज नॉट फिट फॉर ऑल की दलील दी गई. कहा गया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है.
इसलिए इस दिशा में शुरुआत की गई और हमने एक गाइडलाइन बनाकर राज्यों को दी ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार काम कर सकें. सबसे बड़ी बात ये रही कि पीएम जब यह सब कह रहे थे तो यह कहीं से नहीं लग रहा था वे किसी नेता या विपक्ष पर तंज कसना चाहते हैं. जैसा कि उन पर आरोप लगते रहे हैं कि वे अपने भाषणों में ऐसे मौकों पर विपक्ष पर जरूर तंज कसते हैं.
उन्होंने आज के अपने भाषण में जरूर जता दिया कि सब कुछ गड़बड़ हो रहा था इसलिए केंद्र ने सोचा है कि फिर से राज्यों की जिम्मेदारी ले ली जाए. उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छी बात रही कि समय रहते राज्य भी पुनर्विचार की मांग के साथ आगे आए. राज्यों की इस मांग पर हमने भी सोचा कि देशवासियों को तकलीफ न हो. सुचारु रूप से उनका वैक्सीनेशन हो. इसके लिए 16 जनवरी से अप्रैल अंत वाली व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि ये फैसला लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25% काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. ये व्यवस्था दो हफ्तों में लागू हो जाएगी.
इस तरह स्पष्ट हो गया कि वैक्सीन निर्माताओं से कुल उत्पादन का 75% हिस्सा केंद्र सरकार खुद खरीदकर राज्य सरकार को मुफ्त देगी. किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन के लिए कुछ भी खर्च नहीं करना होगा.
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