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- मास्क अब भी जरूरी
भारत सरकार ने मास्क को लेकर एक चेतावनी दी है। यह चेतावनी कोरोना वायरस के 'ओमिक्रॉन' स्वरूप के वैश्विक विस्तार और संक्रमण के मद्देनजर खतरे की घंटी के तौर पर सुनी जाए। 'ओमिक्रॉन' के लक्षण फिलहाल अनिश्चित हैं। नए स्वरूप का असर कितना गंभीर और व्यापक है, उसका शोध और साक्ष्य अभी सामने आने हैं। नए वायरस के कारण मृत्यु-दर फिलहाल कम है। भारत में भी 38 मामलों की पुष्टि मात्र 10 दिनों में हो चुकी है। जाहिर है कि संक्रमण ने फैलाव शुरू कर दिया है। ऐसे में नाक और मुंह को ढकने वाला मास्क आपको 70-80 फीसदी तक संक्रमण से बचा सकता है। यह आकलन देश के विशेषज्ञ चिकित्सकों का है। वे टीवी चैनलों और अन्य मीडिया के जरिए बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि मास्क जरूर पहनें और कोरोना संक्रमण को दूर रखें। चिंताजनक यह है कि कोरोना की दूसरी लहर के नगण्य होने से पहले ही औसत भारतीय ने मास्क पहनना बेहद कम कर दिया है अथवा मास्क उतार कर जेब में रख लिया है। एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान और सरकार का आकलन है कि अप्रैल-मई, 2021 की दूसरी लहर के दौरान 80 फीसदी से ज्यादा लोग मास्क पहनते थे, लेकिन अब यह औसत 59 फीसदी तक लुढ़क गया है। भारत को जापान और दक्षिण कोरिया सरीखे देशों से सबक सीखना चाहिए, जहां 92 फीसदी से ज्यादा लोग आज भी मास्क पहनते हैं। नतीजतन वहां कोरोना वायरस के किसी भी स्वरूप का संक्रमण सीमित है। गौरतलब यह है कि जब दुनिया में कोरोना वायरस का वैश्विक महामारी के तौर पर विस्फोट हुआ था, तब मास्क बेहद महंगे बेचे गए। सामान्य मास्क, प्रदूषण रोकने वाले मास्क और कोरोना को काबू करने वाले मास्क में अंतर है, लेकिन आज तो घर-घर में मास्क का उत्पादन किया जाता है। मास्क मात्र 1-2 रुपए में भी मिल जाता है, तो 10-50 रुपए भी कीमत है। कपड़े की एक परत वाला मास्क भी पहनेंगे, तो वह 30-40 फीसदी तक संक्रमण को रोकेगा। सर्जिकल मास्क तो 70-80 फीसदी तक संक्रमण से बचा सकते हैं।
divyahimachal