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- कोरोना संक्रमण में आई...
भूपेंद्र सिंह | यह राहत की बात है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जितनी तेजी से चढ़ी, उतनी ही तेजी से उतार पर भी आती दिख रही है। स्वाभाविक रूप से इसी के साथ उन राज्यों में लाॅकडाउन में छूट देने पर विचार होने लगा है, जहां संक्रमण तेजी से कम हो रहा है। दिल्ली सरकार के साथ-साथ कुछ और राज्य सरकारों ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वे अगले सप्ताह से लाॅकडाउन से बाहर आने का उपक्रम कर सकती हैं। कम से कम उन राज्यों को तो लाॅकडाउन से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू ही करनी चाहिए, जहां संक्रमण कम होने के साथ ही नियंत्रण में भी दिख रहा है, लेकिन यह प्रक्रिया इतनी धीमी भी नहीं होनी चाहिए कि उससे आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को कोई बल ही न मिले। लाॅकडाउन में मामूली राहत देकर लोगों को घरों में बंद रहने लायक स्थितियां बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं। मामूली राहत से अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं मिलने वाला। आज जरूरत ऐसे उपाय करने की है, जिससे आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि तमाम राज्यों में लाॅकडाउन लगे हुए लगभग 40 दिन बीत चुके हैं। इसके चलते करीब-करीब सब कुछ ठप है। ऐसे में यह जरूरी है कि कुछ ऐसे कदम उठाए जाएं, जिससे अर्थव्यवस्था का पहिया घूमता हुआ दिखे।