सम्पादकीय

Manipulated Media Controversy: क्या अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की भी नहीं सुनने वाला ट्विटर भारत में झुकेगा?

Gulabi
26 May 2021 9:00 AM GMT
Manipulated Media Controversy: क्या अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की भी नहीं सुनने वाला ट्विटर भारत में झुकेगा?
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Manipulated Media Controversy

सरकार (Government) और ट्विटर (Twitter) के बीच लड़ाई काफी समय से होती आ रही है लेकिन यह तब और बढ़ गई जब, सोमवार को मैनिपुलेटेड मीडिया (Manipulated Media) मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की एक टीम ट्विटर इंडिया (Twitter India) के गुरुग्राम (Gurugram) और दिल्ली दफ्तर पहुंची. हालांकि वहां ताला लगा मिला. जिसके बाद दोपहर तक दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने टि्वटर इंडिया को नोटिस भेजा. इधर दिल्ली पुलिस ने टि्वटर इंडिया को नोटिस भेजा उधर ट्विटर पर ही 'आई स्टैंड विथ मोदी' (I Stand With Modi), 'आई स्टैंड विथ ट्विटर' (I Stand With Twitter) और 'बैन ट्विटर' (Ban Twitter) जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे. दरअसल यह पूरा मामला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) के एक ट्वीट से शुरू हुआ था.


दूसरी ओर 26 मई से देश में नए आईटी नियाम (New IT Rule) लागू हो गए हैं जिन्हें हर सोशल मीडिया (Social Media) कंपनी को मानना होगा और इसमें ट्विटर भी आता है. हालांकि अब तक सिर्फ फेसबुक (Facebook) ने कहा है कि हमारा मकसद आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करने का है लेकिन हम इस पर सरकार से चर्चा जारी रखेंगे. वहीं ट्विटर समेत अन्य सोशलमीडिया प्लेटफॉर्म्स ने सरकार से 6 महीने का समय मांगा है. क्योंकि अमेरिका स्थित उनके हेडऑफिस से ही तय होगा कि वह इन नियमों को मानेंगी या नहीं. लेकिन जानकारों का मानना है कि ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियां जिन्हें भारत से कोरोड़ों का मुनाफा होता है वह सरकार से पंगा लेने के बारे में सोचेंगी ऐसा कम ही लगता है. हालांकि बुधवार को व्हाट्सएप ने भारत सरकार के इस नए कानून को चुनौती देने दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया और सरकार के नियमों को लागू होने से रोकने की मांग कर रही है.

इकनॉमिक टाइम्स के एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 के मार्च तक भारत से ट्विटर का रेवेन्यू 31% बढ़ा है. 2018 से लेकर 2019 तक भारत से ट्विटर का रेवेन्यू 43.4 करोड़ से 56.9 करोड़ तक बढ़ा है. इसी तरह फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की कमाई भी भारत में दिन दूनी रात चौगुनी हो रही है. ऐसे में पूरी उम्मीद की जा रही है कि ये सोशल मीडिया कंपनियां भारत में झुकेंगी और यहां के सरकारी नियमों का पालन भी करेंगी.

संबित पात्रा ने 18 मई को चार-चार पेज के दो अलग-अलग डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए थे, जिनमें से एक डॉक्यूमेंट कोरोनावायरस को लेकर था और दूसरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर. संबित पात्रा के इस ट्वीट में दावा किया गया था कि कांग्रेस देश में कोरोना महामारी को लेकर 'टूलकिट' का इस्तेमाल कर रही है जिसकी मदद से वह मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रही है. इस टूलकिट के जरिए संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने की बात कर रही है. जिसमें उसके कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर 'सुपर स्प्रेडर कुंभ' और 'मोदी स्ट्रेन' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे. लेकिन ईद को 'हैप्पी सोशल गैदरिंग' का नाम देंगे. हालांकि संबित पात्रा के डाक्यूमेंट्स को टि्वटर इंडिया ने मैनिपुलेटेड मीडिया के टैग से पब्लिश किया. जिसके बाद से ही यह बवाल बड़ा हो गया.

क्या होता है मैनिपुलेटेड मीडिया
मैनिपुलेटेड मीडिया का मतलब होता है कि किसी तस्वीर, वीडियो या कंटेंट के साथ छेड़छाड़ करके उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना या फिर उस वीडियो, तस्वीर या कंटेंट का कोई ऑथेंटिक सोर्स ना होना. ऐसी चीजों को टि्वटर अपने जांच के आधार पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग देती है. टि्वटर कि यह पॉलिसी है कि अगर आपने जो जानकारी ट्वीट की है उसका सोर्स सटीक नहीं है और उपलब्ध जानकारी गलत है तो इस पर पब्लिश होने के साथ ही मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लग जाता है, यह लेबल वीडियो, फोटो या अन्य किसी भी कंटेंट के साथ लगाया जा सकता है. आपको याद होगा जब अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा था तो उस दौरान डोनाल्ड ट्रंप के कई ट्वीट पर भी इसी तरह का लेबल लगा दिया गया था, जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट परमानेंट सस्पेंड कर दिया गया था. ट्विटर ने यह टैग मार्च 2020 से इस्तेमाल करना शुरू किया है.

ट्विटर ने अपने एक ब्लॉग में बताया है कि वह किस तरह से तकनीक और अपने एक्सपर्ट्स की जांच के आधार पर ही किसी कंटेंट को मैनिपुलेटेड बताता है. अगर आपके ट्वीट के साथ मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लग गया तो ट्विटर कोशिश करता है कि आपका ट्वीट कम से कम लोगों तक पहुंचे और अगर बार-बार आपने ट्विटर के नियम तोड़े तो आपका अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड भी किया जा सकता है.

अमेरिका में ट्विटर ने दिखाई थी हेकड़ी
ट्विटर अपनी हेकड़ी के लिए उस समय चर्चा में आया था जब अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव थे. इस दौरान उसने अमेरिके मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई ट्वीट हटा दिए थे या उन्हें मैनिपुलेटेड करार दे दिया था. इस पर ट्रंप भी खफा हो गए थे. ट्रंप समर्थकों ने उस वक्त ट्विटर पर आरोप लगाया था कि वह एक खास पार्टी का समर्थन कर रहा है और यही वजह है कि वह ट्रंप को बदनाम कर रहा है. हालांकि इन आरोपों की कभी कोई पुष्टि नहीं हुई. भारत में ट्विटर तब चर्चा में आया जब किसान आंदोलन के वक्त उसकी सरकार से ठन गई. किसान आंदोलन के वक्त जब टूलकिट का मामला सामने आया तब सरकार ने 1400 ऐसे ट्विटर अकाउंट कि लिस्ट ट्विटर को दी जिसे तुरंत बंद करने की मांग सरकार ने ट्विटर से की ये बताते हुए कि इन अकाउंट से फेक और भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं जो देश में कानून व्यवस्था खराब कर सकती हैं. हालांकि ट्विटर ने इस पर तुरंत कार्रवाई करने से मना कर दिया. जिसके बाद केंद्रीय आईटी मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो ट्विटर इंडिया के पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है. तब जा कर ट्विटर इंडिया ने उनमें से कुछ ट्विटर हैंडल पर कार्रवाई की.

नया विवाद क्या है
यह पूरा विवाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, टि्वटर इंडिया और कांग्रेस के बीच है. जिस की कड़ी एक टूलकिट है. 18 मई को संबित पात्रा और बीजेपी के महासचिव बीएल संतोष ने चार-चार पेज के अलग-अलग दो डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए. इसमें एक डॉक्यूमेंट कोविड-19 को लेकर था और दूसरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर. बीजेपी की ओर से किए गए इन ट्वीट्स में दावा किया गया था कि कांग्रेस ने यह टूलकिट तैयार किया है जिसके जरिए वह महामारी को लेकर देश और मोदी सरकार को बदनाम करना चाहती है.

बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने इस टूलकिट के जरिए अपने वालंटियर और कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि वह मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए हिंदू धर्म को टारगेट करते हुए 'सुपर स्प्रेडर कुंभ' और वायरस के नए म्युटेंट्स स्ट्रेन को 'मोदी स्ट्रेन' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया पर शेयर करें. वहीं ईद को लेकर इस टूलकिट में दावा किया गया था कि उसे 'हैप्पी सोशल गैदरिंग' की तरह पेश करें. लेकिन बवाल उस वक्त शुरू हो गया जब ट्विटर ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से किए गए इन ट्वीट्स को मैनिपुलेटेड मीडिया के टैग के साथ पब्लिश किया.

कांग्रेस ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक फर्जीवाड़ा है और इसमें नकली लेटर पैड का इस्तेमाल किया गया है. यहां तक की कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में संबित पात्रा और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ एफ आई आर भी दर्ज करा दी गई है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार बोलने की आजादी पर अंकुश लगा रही और झूठ फैलाने का काम कर रही है.


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