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- जनादेश के अनुमान

एग्जिट पोल चुनावों को आंकने और सर्वेक्षण करने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। विदेशों में इसे काफी गंभीरता से लिया जाता है। उनकी सफलता और सटीकता की दर भी शानदार है, लेकिन भारत में एग्जिट पोल आज भी सवालिया है। करीब 40 फीसदी अनुमान गलत साबित होते रहे हैं। एग्जिट पोल करीब 60 फीसदी तक सही की सीमा तक सार्थक रहे हैं, यह भी कम उपलब्धि नहीं है। कभी पूरी तरह बाजी पलट जाती है, लेकिन ये अनुमान हैं। एक तरह का सार्वजनिक, सामाजिक अध्ययन है, जो सही और सच्ची तस्वीर तक भी ले जाता है। चूंकि ये जनादेश के अनुमान हैं, अधिकृत नतीजे 10 मार्च को सार्वजनिक किए जाएंगे, लिहाजा एग्जिट पोल को अनुमान की तरह ही ग्रहण करें। पांच राज्यों के चुनाव समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल-2022 सामने है। ये अनुमान अलग-अलग एजेंसियों के हैं और सैंपल साइज भी भिन्न हैं, नतीजतन कथित निष्कर्ष भी एक नहीं हैं। बहरहाल सबसे चौंकाऊ अनुमान सबसे बड़े राज्य उप्र का है, जहां 403 विधानसभा सीटों के लिए मतदान किया गया। उप्र में भाजपा की ही सरकार बन सकती है। सभी के अनुमानों के निष्कर्ष ये हैं कि भाजपा को सहज बहुमत हासिल हो सकता है। बेशक 2017 की तुलना में जनादेश के आंकड़े कम हो सकते हैं, लेकिन 50 फीसदी से ज्यादा विधायक भाजपा के ही जीत सकते हैं।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचल
