सम्पादकीय

मुश्किल में ममता सरकार, मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से लगभग 21 करोड़ रुपये की बरामदगी चौंकाने वाली

Rani Sahu
23 July 2022 5:38 PM GMT
मुश्किल में ममता सरकार, मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से लगभग 21 करोड़ रुपये की बरामदगी चौंकाने वाली
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बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से लगभग 21 करोड़ रुपये की बरामदगी चौंकाने वाली है

सोर्स- Jagran

बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से लगभग 21 करोड़ रुपये की बरामदगी चौंकाने वाली है। गिनी-चुनी फिल्मों में काम करने वालीं अर्पिता पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति का प्रमुख चेहरा रही हैं।
ईडी की मानें तो उनके घर से मिला पैसा शिक्षक भर्ती घोटाले के समय की गई उगाही का हो सकता है। पता नहीं सच क्या है, लेकिन इसमें संदेह नहीं कि शिक्षकों की भर्ती में घोटाला हुआ था। इसकी पुष्टि तभी हो गई थी जब चयनित शिक्षकों की सूची अंतिम समय में बदल देने का चकित करने वाला मामला सामने आया था। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर इस घोटाले की प्रारंभिक जांच ने न केवल यह सिद्ध किया था कि शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता बरती गई, बल्कि यह भी कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ओर से राज्य के विद्यालयों में समूह 'सी' और 'डी' के कर्मचारियों की भर्ती में भी मनमानी की गई। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी। फिर ईडी भी इस जांच में शामिल हो गई।
शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में घोटाला ममता सरकार के पिछले कार्यकाल में हुआ था। तब पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। फिलहाल वह उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री हैं। कहीं वह उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री के रूप में भी तो अवैध कमाई नहीं कर रहे थे? यह संदेह इसलिए, क्योंकि पांच-छह साल पुराने घोटालों के जरिये जमा किया गया पैसा अभी तक उनकी करीबी के घर पर पड़े रहना आसानी से गले नहीं उतरता। जो भी हो, प्रवर्तन निदेशालय ने जिस तरह मौजूदा शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी के ठिकानों पर भी छापेमारी की, उससे ममता सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय है।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की ओर से यह कहने से काम चलने वाला नहीं है कि केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों का मनमाना इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि वे शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में घोटाले से इन्कार नहीं कर सकते। उनके पास इस सवाल का भी जवाब नहीं कि पार्थ की करीबी अर्पिता को 21 करोड़ रुपये कहां से मिले? चूंकि पार्थ चटर्जी ममता के भरोसेमंद मंत्रियों में से एक हैं, इसलिए जांच की आंच उन तक भी पहुंचे तो हैरानी नहीं। ममता बनर्जी के लिए चिंता की बात यह भी है कि उनकी सरकार के कई और मामलों की भी जांच सीबीआइ कर रही है। इनमें से एक में तो उनके भतीजे भी जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। एक तथ्य यह भी है कि सीबीआइ जिन भी घोटालों की छानबीन कर रही है, उनकी जांच के आदेश हाई कोर्ट ने दिए हैं।


Rani Sahu

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