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- बुलडोजरी बाबाओं के
कथित कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातनी श्रोताओं का आह्वान कर रहे थे-'हिंदुओ! एक हो जाओ। हाथों में हथियार थाम लो। कोई तुम्हारे घर पर पत्थर मारे, तो तुम बुलडोजर चलवा दो। जेसीबी का बंदोबस्त करो और उन पर जेसीबी भी चलवा दो। हिंदुओं पर हमला करने वालों को मिट्टी में मिला दो।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह धर्मगुरू बाबा नहीं, ढाबा हैं, बुलडोजर हैं। लोग कह रहे हैं कि बाबा को गिरफ्तार करो। हां, मुझे पकड़ कर जेल में डाल कर दिखाओ।' कथित कथावाचक एक भारी भीड़ का उद्बोधन कर रहे थे। सनातनी हिंदुओं को जागृत नहीं, उकसा-सुलगा रहे थे। यह भी अपराध है। मप्र सरकार के पांच कैबिनेट मंत्री उनके पांवों में बैठे कथावाचन सुन रहे थे और राजनीतिक तौर पर उपकृत हो रहे थे, क्योंकि वोट बैंक पुख्ता होता लग रहा था। कथित बाबा अपनी बात कहते, फिर ताली बजाते, हुलहुला कर खुद की ही पीठ ठोंकने लगते। हमें कथावाचक के स्थान पर बाबा 'विदूषक' प्रतीत हो रहे थे।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली