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- वृद्धों के लिए महामारी...
संजय पोखरियाल| कोविड महामारी ने मानव अस्तित्व के सभी क्षेत्रों पर व्यावहारिक रूप से अपनी छाप छोड़ी है। इस संकट ने खासकर हमारे बुजुर्गो के सामने प्रतिदिन आने वाली समस्याओं का समाधान निकालने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है। यह भी स्पष्ट हो रहा है कि हमारे अधिकांश बुजुर्ग आíथक रूप से लाचार होते जाएंगे। दरअसल मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली वृद्धावस्था को एक 'रोगी' के रूप में देखती है। यह रोग-केंद्गित दृष्टिकोण उनके मनोबल को नुकसान पहुंचाता है और स्वास्थ्य को खराब करता है। एकल परिवारों की बढ़ती प्रवृत्ति, नौकरी से संबंधित प्रवासन, सामाजिक मानदंडों में बदलाव और बड़ों के बीच स्वतंत्र रहने की बढ़ती प्राथमिकता उन्हें और भी कमजोर बनाती है। वैसे हम अपनी सेवानिवृत्ति के बाद स्वस्थ, आरामदायक और खुशहाल जीवन का सपना देखते हैं। दुर्भाग्य से अधिकांश लोग आर्थिक कारणों से इस सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं।