सम्पादकीय

लिज ट्रस की परीक्षा शुरू

Subhi
6 Sep 2022 2:43 AM GMT
लिज ट्रस की परीक्षा शुरू
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करीब दो महीने लंबी चुनावी प्रक्रिया के बाद ब्रिटेन की सत्तारूढ़ पार्टी ने लिज ट्रस के रूप में देश का नया प्रधानमंत्री चुन लिया। भारतीय मूल के ऋषि सुनक शुरू में इस पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे थे, लेकिन समय के साथ वह दौड़ में पीछे होते गए और आखिर में करीब 21 हजार वोटों के अंतर से लिज ट्रस जीत गईं।

नवभारत टाइम्स; करीब दो महीने लंबी चुनावी प्रक्रिया के बाद ब्रिटेन की सत्तारूढ़ पार्टी ने लिज ट्रस के रूप में देश का नया प्रधानमंत्री चुन लिया। भारतीय मूल के ऋषि सुनक शुरू में इस पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे थे, लेकिन समय के साथ वह दौड़ में पीछे होते गए और आखिर में करीब 21 हजार वोटों के अंतर से लिज ट्रस जीत गईं। इसके साथ ही तीन वर्षों का बोरिस जॉनसन का कार्यकाल औपचारिक तौर पर समाप्त हुआ, जो 2019 में उनकी असाधारण जीत के साथ जनता की बढ़ी हुई उम्मीदों के बीच शुरू हुआ था, लेकिन अप्रिय स्कैंडलों और विवादों की याद छोड़ते हुए निराशाजनक ढंग से समाप्त हुआ।

बहरहाल, लिज ट्रस की नई पारी चुनौतियों के बीच शुरू हो रही है। उनके प्रधानमंत्री चुने जाने से चंद दिन पहले ही ब्रिटेन जो दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हुआ करता था, खिसककर छठे नंबर पर आ गया। उसे पीछे छोड़ा है भारत ने, जो एक समय में उसका उपनिवेश हुआ करता था। इस मनोवैज्ञानिक और काफी हद तक सांकेतिक झटके को थोड़ी देर के लिए किनारे कर दें तो भी ब्रिटिश अर्थव्यवस्था कई तरह की चुनौतियों से घिरी है। यूक्रेन युद्ध के कारण देश असाधारण ऊर्जा संकट से गुजर रहा है।

लोगों के बढ़े हुए बिजली बिल एक बड़ा मुद्दा है, जो प्रधानमंत्री चयन की इस प्रक्रिया के दौरान भी छाया रहा। इस प्रक्रिया की एक खास बात यह भी कही जाएगी कि इस दौरान वित्तीय नीति को लेकर भी अच्छी बहस हुई। जहां ऋषि सुनक का कहना था कि टैक्स कटौती जैसे पॉप्युलिस्ट कदम से देश की वित्तीय स्थिति और खराब होगी वहीं, लिज ट्रस का कहना था कि मौजूदा हालात में टैक्स कटौती के जरिए लोगों को राहत देना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपने पहले भाषण में भी लिज ट्रस ने इस वादे को दोहराते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वह देशवासियों से किए सारे वादे पूरे कर पाएंगी। उनके पास वक्त सिर्फ दो साल का है। लेकिन उन्हें वादे वे सारे पूरे करने हैं जो पिछले चुनावों के दौरान उनकी पार्टी ने किए थे। तभी वह 2024 में पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने लिए एक पूरा कार्यकाल मांगने की स्थिति में होंगी।

फिलहाल सबसे पहले उन्हें अपनी एक भरोसेमंद और काबिल टीम बनाकर मंत्रिमंडल का गठन करना है और बुरी तरह बंटी हुई दिख रही कंजर्वेटिव पार्टी के सभी धड़ों को साथ लाना है। जाहिर है, कम समय में उन्हें बेहद कठिन लक्ष्य पूरे करने हैं, लेकिन इतिहास भी ऐसी ही स्थितियों में बनते हैं। लिज ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं। टरीसा मे और मार्गरेट थैचर से उनकी तुलना स्वाभाविक है, लेकिन इन खींची हुई लकीरों को वह कितना बड़ा या छोटा साबित करती हैं यह भविष्य में उनके प्रदर्शन से तय होगा।


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