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सवेरे की सैर करते हुए लंबे समय बाद मैं अपने एक पुराने मित्र से मिला। उन्होंने मुझे देखा, राम-राम हुई और फिर हम दोनों इकट्ठे सैर करते हुए गपशप करने लगे। थोड़ी ही देर की बातचीत से स्पष्ट हो गया कि वे कुछ परेशान थे। वे अमीर आदमी हैं, गाड़ी है, कोठी है, नौकर-चाकर हैं, अच्छा व्यवसाय है। वे कुछ बताना चाह रहे थे, पर खुल नहीं रहे थे और मैंने कुरेद कर कुछ पूछना उचित नहीं समझा। मुझे यही ठीक लगा कि वे तब कुछ बताएं जब वे उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हों। कुछ देर बाद वे चले गए। मैं अभी और सैर कर ही रहा था कि मेरे एक अन्य मित्र सैर करने आ गए। कोविड के कारण उनका व्यवसाय बिल्कुल बंद है, कमाई बंद है, घर के सारे खर्चे जारी हैं। मेरे इन मित्र का छोटा-सा घर है, कार के नाम पर उनके पास मारुति आल्टो है। पर वे जब मुझसे मिले, वे चहचहा रहे थे, खुश थे। अब वे मेरे साथ सैर करते हुए गपशप करने लगे। बातचीत में उन्होंने बताया कि कोविड के कारण पिछला व्यवसाय तो अभी खुलने की उम्मीद न के बराबर है, इसलिए उन्होंने नए तरह का व्यवसाय करने का मन बनाया, उसके लिए उन्हें कुछ तकनीकी ज्ञान की जरूरत थी, सो उन्होंने ट्रेनिंग ली, अपना स्किल-सेट बढ़ाया और अब वे जल्दी ही नया व्यवसाय शुरू करने वाले हैं। सैर करते हुए मेरी भेंट इन दो सज्जनों से हुई
