सम्पादकीय

विकास के स्तर

Subhi
18 Aug 2022 5:36 AM GMT
विकास के स्तर
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‘पचहत्तर वर्षों की आर्थिक यात्रा’ (लेख, 12 अगस्त) आजादी प्राप्त करने के बाद 75 वर्षों की आर्थिक विकास की समीक्षा करने वाला था। आजकल हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाने में लगे हुए हैं।

Written by जनसत्ता': 'पचहत्तर वर्षों की आर्थिक यात्रा' (लेख, 12 अगस्त) आजादी प्राप्त करने के बाद 75 वर्षों की आर्थिक विकास की समीक्षा करने वाला था। आजकल हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाने में लगे हुए हैं। इसके साथ-साथ हमें यह भी देखना होगा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर आर्थिक विकास की दृष्टि से हम कहां तक पहुंचे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि 1947 में अंग्रेज हमें जिस कंगाली की श्रेणी में छोड़ गए थे। आज हम न केवल उस श्रेणी से निकल चुके हैं, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था विश्व की मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में गिनी जाती है।

आजादी मिलने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में पांच वर्षीय योजनाएं शुरू की गर्इं, जिनमें सभी आर्थिक क्रियाओं को आवश्यकता के अनुसार विकसित करने का कार्यक्रम शुरू किया गया। योजना के बाद जब दूसरी पंचवर्षीय योजना शुरू की गई तो पहली पंचवर्षीय योजना की समीक्षा की गई और दूसरी योजना में पहली योजना की कमियों को दूर करने की कोशिश की गई। पंचवर्षीय योजनाओं के तहत कृषि, उद्योग, यातायात तथा संचार, बैंकिंग, शिक्षा आदि का विकास करने की कोशिश की गई। जवाहरलाल नेहरू देश में समाजवाद लाना चाहते थे, बेकारी दूर करना चाहते थे। इसी बात को ध्यान में रखकर उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र में कई उद्योगों को स्थापित किया। ये उद्योग दूसरे उद्योगों के लिए आधारशिला का काम करते थे। इसलिए इनको मौलिक तथा आधारभूत उद्योग कहा जाता था।

यह कहना अप्रासंगिक नहीं होगा कि जब कोरोना काल में सारी दुनिया मंदी की गिरफ्त में थी, केवल भारत ही एक ऐसा देश था,. जहां पर सार्वजनिक क्षेत्रों में लोगों को रोजगार तथा आमदनी मिलने के कारण मांग को बढ़ाने में मदद मिली। इन 75 वर्षों में देश की जीडीपी में उत्साहवर्धक वृद्धि हुई है। 1947 में हमारी जीडीपी 2.7 लाख करोड़ थी, जो 2022 में बढ़कर 236.5 लाख करोड़ रुपए हो गई है। हमारे पास 571 अरब डालर विदेशी मुद्रा के भंडार है, जो संसार के किसी देश के मुकाबले में अधिकतम है।


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