- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- नेहरु जी का तारीखी...
प्रधानमंत्री जी ने 15 अगस्त को 75वें स्वतंत्रता दिवस पर आठवीं बार लाल किले पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन के साथ अपनी बात शुरू की। इस दौरान उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु को भी याद किया। पंडित नेहरु के आजादी की पूर्व संध्या पर दिए गए इस तारीखी भाषण को 20वीं सदी के सबसे जोरदार भाषणों में माना गया है। पूरी दुनिया इस भाषण की गवाह बनी थी। दिल्ली में भी लाखों लोग जमा थे। मूसलाधार बारिश हो रही थी और संसद में नेहरु ऐलान कर रहे थे, 'आधी रात को जब पूरी दुनिया सो रही है, भारत जीवन और स्वतंत्रता की नई सुबह के साथ उठेगा।' उनके इस भाषण को नाम दिया गया 'ए ट्राईएस्ट विद डेस्टिनी', जिसका अर्थ भाग्य के साथ एक प्रयोग कहा जा सकता है। इस बार 15 अगस्त की तारीख़ स्वतंत्रता दिवस पर देश के लिए आजादी का उत्सव लेकर आई तो वहीं दूसरी तरफ हजारों की संख्या में भारत माता के उन वीर सपूतों को याद देती रही, जिन्होंने हंसते हुए देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। इस मौके पर नेहरु ने कहा था, 'कई साल पहले हमने भाग्य को बदलने का प्रयास किया था और अब वो समय आ गया जब हम अपनी प्रतिज्ञा से मुक्त हो जाएंगे। पूरी तरह से नहीं लेकिन ये महत्वपूर्ण है। आज रात 12 बजे जब पूरी दुनिया सो रही होगी उस समय भारत स्वतंत्र जीवन के साथ नई शुरुआत करेगा।' नेहरु के भाषण ने भारत के लोगों के लिए एक नई मुक्त सुबह की उम्मीद जगाई और देश को भौगोलिक और आंतरिक रूप से सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने के बावजूद साहस को प्रेरित किया। नेहरु ने अपने भाषण में कहा, 'ये ऐसा समय होगा जो इतिहास में बहुत कम देखने को मिलता है।