- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- सम्मति का अभाव
Written by जनसत्ता; हर भारतीय का अस्तित्व भारतीय सेना से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि आतंकी भारतीय सेना के जवानों पर अनैतिक हमले करते हैं। पिछले दिनों राजौरी शिविर में जो हुआ वह दिल दहलाने वाला था। नापाक इरादों के साथ आतंकी सोते हुए सैनिकों को क्षति पहुंचाना चाहते थे, लेकिन सेना के जवानों ने तुरंत कार्रवाई कर आतंकियों को मार गिराया। सवाल है कि आखिर कब तक ऐसे आत्मघाती हमलों का सिलसिला चलता रहेगा?
इसका जवाब सीधा है। जब विश्व सर्वसम्मति से आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई कर इन पर प्रतिबंध लगाएगा तब ऐसे हमले होने बंद हो जाएंगे। दरअसल, आज आतंकवाद पर सर्वसम्मत कार्रवाई की कमी के कारण दुनिया आतंकवाद का सामना कर रही है। आतंकवादी संगठन इसी कारण फल-फूल रहे हैं।
मसलन, हाल ही में चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके उप प्रमुख को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची में डालने से रोक दिया, जिसके बाद सभी देशों को मजबूरी में सुरक्षा परिषद के कानून के अनुसार इस विचार को छोड़ना पड़ा। इस तरह सर्वसम्मति और संयुक्त मानसिकता की कमी के कारण भारत जैसे राष्ट्र को आतंकवाद का सामना करना पड़ता है।
विश्व को एकजुट होकर आतंकवादी सोच और आतंकवाद से निपटने की जरूरत है। इससे दुनिया भर में आतंकवाद का सफाया होगा और विश्व भर की सेना और उसके नागरिक शांति से अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकेंगे। आज विश्व शांति और लोक संगठनों को यह बात समझने की जरूरत है।