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- कांग्रेस महाधिवेशन में...
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित हुआ कांग्रेस का महाधिवेशन निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण आयोजन था. एक तो यह कई वर्ष बाद हो रहा था तथा बहुत समय के बाद कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी-नेहरू परिवार से बाहर का व्यक्ति है, तो स्वाभाविक रूप से सबकी निगाहें इस अधिवेशन पर थीं. ऐसी अपेक्षा थी कि 2024 के आम चुनाव के संबंध में कांग्रेस कोई ठोस रणनीति भी इस अधिवेशन में तैयार करेगी. लेकिन इस तरह की अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं. एक तो कांग्रेस पार्टी के भीतर लोकतंत्र का मामला था. मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष चुने जाने के बाद कार्यसमिति के चुनाव की आशा की जा रही थी. चुनाव कराने के बजाय उन्होंने इसके सदस्यों की संख्या बढ़ा दी. इससे हमें पार्टी की सांगठनिक समस्याओं का समाधान होता नहीं दिख रहा है. पार्टी में बहुत से लोगों की महत्वाकांक्षा है, असंतुष्ट धड़े जी-23 के लोग हैं, कई युवा नेता हैं, उनके लिए यह निर्णय सही नहीं कहा जा सकता है. कांग्रेस का इतिहास रहा है कि ऊपरी कमेटियों में महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों आदि वर्गों का प्रतिनिधित्व रहता है. उसे कैसे सुनिश्चित किया जायेगा, यह देखा जाना है. अगर ऐसा नहीं होगा, तो उसका गलत संदेश लोगों के बीच जायेगा.
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SORCE: prabhatkhabar