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संयम श्रीवास्तव 35 साल पहले से गोरखपुर के स्थानीय अखबारों में एक खबर पढ़ता आया हूं कि कुशीनगर (Kushinagar) में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनेगा. हो सकता है कि मुझसे पुराने लोग इसे 45 साल या 50 साल भी लिखें. पर कुछ भी हो कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (International Airport) का बनना पूर्वी यूपी में विकास के एक नए मॉडल की शुरुआत है. हर साल लाखों विदेशी पर्यटकों को सड़कों पर हिचकोले खिलाकर हम उनका स्वागत करते रहे और एयरपोर्ट बनाने का सपना देखते रहे. सत्तर के दशक में गोरखपुर के आसपास में पैदा हुए लोग भारत के नक्शे में पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय, फर्टिलाइजर कारखाना, गोरखपुर मंडल के चीनी के कटोरे होने की बात सुनकर सीना चौड़ा कर लेते थे. जबकि गौतमबु्द्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर, गौतमबुद्ध की जन्मस्थली कपिलवस्तु और कबीर की निर्वाण स्थली मगहर भी हमारे आस-पास ही थी. पर हम प्राइड की तरह उसे महसूस तो किए पर उसे विश्वस्तर पर अपने फायदे के लिए भुना नहीं सके. पर विकास का नया मॉडल हमें अपने इन ऐतिहासिक स्थानों के साथ प्राइड ही नहीं फील कराएगा बल्कि हमारे रोजी-रोटी और सम्पन्नता का भी साधन बनने वाला है.