सम्पादकीय

Krishna Janmashtami: किस विचारधारा के हैं श्रीकृष्ण?

Rani Sahu
30 Aug 2021 10:32 AM GMT
Krishna Janmashtami: किस विचारधारा के हैं श्रीकृष्ण?
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कृष्ण से बड़ा आंदोलनकारी कौन होगा. वो अवतार थे, चाहते तो राजा के घर जन्म लेते, विलासता से जीवन जीते

सुधीर कुमार पाण्डेय। कृष्ण से बड़ा आंदोलनकारी कौन होगा. वो अवतार थे, चाहते तो राजा के घर जन्म लेते, विलासता से जीवन जीते, राज्य की सीमाओं का विस्तार करते लेकिन नहीं. जीवन भर दुखों और संकटों से घिरे रहे, निडर इतने कि जन्म लिया तो दुश्मन के कारागार में, वो भी आधी रात को. जन्म के क्षण से ही मृत्यु का भय झेला, देवकी मां ठीक से निहार भी ना पाईं और वो उफनती यमुना को पार कर यशोदा की गोद में जा पहुंचे. जन्म से ही कृष्ण चुनौतियों से जूझने लगे. 6 भाइयों की मृत्यु का शोक लेकर धरती पर आए, झूला झूलने वाली आयु में पूतना से लेकर कालिया नाग तक के वार सहे पर हार नहीं मानी. अपने मार्ग पर चलते रहे.

कृष्ण से बड़ा समाजवादी कौन होगा. समाज को समानता का अर्थ सबसे पहले कृष्ण ने समझाया. जब इंद्र ने गोकुल पर कहर बरसाया तो कान्हा पूरे गांव को एक पर्वत के नीचे ले आए. बिना किसी जातिगत भेदभाव के कई दिनों तक पूरा गांव एक पर्वत के नीचे रहा. यही नहीं, जब गांव में माखन चुराया तो हमेशा बांट कर खाया. यशोदा की मार सही पर माखन से मित्रों का पेट भरा. अमीर गरीब का कोई भेदभाव नहीं. इनसे बड़ा समाजवादी कौन होगा.
कृष्ण से बड़ा क्रांतिकारी कौन होगा
मेरी नजर में कृष्ण दुनिया के पहले क्रांतिकारी थे जिन्होंने सिस्टम को चुनौती दी. कंस जैसे क्रूर राजा को गोकुल जैसे छोटे से गांव से ललकारा. बाल गोपालों की फौज बनाई. छोटी सी उम्र में साजिश का सच जानते हुए भी कंस के मथुरा जा पहुंचे. कंस को ललकारा. भरी सभा में कंस का वध किया. लेकिन स्वयं राजगद्दी पर नहीं बैठे. अपने नाना को बिठाया जिन्हें हटाकर कंस ने राज हथिया लिया था. क्रांति के बाद सत्ता की ललक नहीं न्याय का पाठ पढ़ाया.
कृष्ण से बड़ा धैर्यवान कौन होगा
चाहते तो शिशुपाल को पल में समाप्त कर देते, लेकिन बुआ को दिया वचन पूरा किया. 100 गलतियों तक शिशुपाल की गालियां सुनी फिर वध किया. कृष्ण तो ये भी जानते थे कि उनका प्रिय भांजा महाभारत में वीरगति को प्राप्त होगा, लेकिन धैर्य की पराकाष्ठा देखिए. अभिमन्यु का रहस्य आखिरी समय तक छिपाए रखा. नियति को उसका काम करने दिया कोई हस्ताक्षेप नहीं.
कृष्ण से बड़ा दानवीर कौन होगा
राजा बनने के बाद भी गरीब मित्र सुदामा को भूले नहीं. सुदामा की पत्नी के दिए चावल का पहला कौर खाया तो पृथ्वी, दूसरे कौर में स्वर्ग और तीसरे कौर में अपनी नगरी दान देने वाले थे कि रुक्मणि ने रोक लिया.
कृष्ण से बड़ा समाज सुधारक कौन होगा
अपनी बहन सुभद्रा को अर्जुन के साथ भागकर विवाह करने का आदेश दिया. कन्या को वर चुनने का अधिकार दिया. चीरहरण के समय पतियों से निराश दौप्रदी ने अपने सखा को एक आवाज क्या लगाई. हस्तिनापुर की सभा में दौप्रदी की लाज बचाई. स्त्री सम्मान का अर्थ समझाया.
कृष्ण से बड़ा राजधर्म किसने निभाया
जब जरासंध के लगातार हो रहे हमले से मथुरा की निर्दोष जनता का रक्त बहा तो मथुरा को छोड़ हज़ार कोस दूर द्वारका में जा बसे. दुनिया ने रणछोड़ कहकर मजाक उड़ाया, लेकिन सबकुछ सहकर भी प्रजा के जीवन की सुरक्षा को सर्वोपरी माना.
कृष्ण से बड़ा युद्ध रणनीतिकार कौन होगा
जब पांडव वनवास पर गए तो अर्जुन ने पूछा केशव अब क्या प्रतीक्षा करूं? तो कृष्ण बोले प्रतीक्षा कायर करते हैं तुम हथियार और दिव्यास्त्र जमा करो. समय बर्बाद ना करो. दुश्मन सो रहा है तुम युद्ध की तैयारी करो पार्थ. अर्जुन ने जो दिव्यास्त्र वनवास में जमा किए उन्हीं से कुरुक्षेत्र में कौरव सेना का संहार किया. यही नहीं, कर्ण को महाभारत से ठीक पहले उसका असली परिचय देकर दुर्योधन का हाथ काट दिया. बिना हथियार उठाए भीष्म और द्रोणाचार्य को वीरगति तक पहुंचा दिया.
कृष्ण से बड़ा कूटनीतिज्ञ कौन होगा
युद्ध से पहले पांडवों की तरफ से शांति प्रस्ताव लेकर कौरवों की सभा में स्वयं गए. ताकि युद्ध आरंभ करने का आरोप पांडवों पर ना लगे. इतिहास हिंसा का उत्तरदायी पांडवों को नहीं कौरवों को माने. लाख प्रयास के बाद भी दुर्योधन के महल में ना रुककर दासीपुत्र विदुर की कुटिया में रुके. दुश्मन को उसी की नगरी में किसी प्रस्ताव से पहले ही लज्जित कर दिया.
कृष्ण से बड़ा ज्ञानी कौन होगा
महाभारत इसलिए महान नहीं है क्योंकि उस में पांडव और कौरव हैं. क्योंकि उस में महायुद्ध है. बल्कि महाभारत इसलिए अमर है क्योंकि उसमे गीता है. क्योंकि उस में कृष्ण हैं. जो चार वेदों में था उसका निचोड़ एक गीता में उतार दिया. कांलतर तक मनुष्य को जीने का तरीका सीखा गए.


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