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- गोपाल को जानिए…

शायद आप गोपाल को नहीं जानते हैं। गोपाल को मैं जानता हूं। गोपाल एक सरकारी कार्यालय में लिपिक है। अभी मैं उसकी चारित्रिक विशेषताएं बताऊंगा तो आप भी उसे जान जाएंगे। कार्यालयीय कामकाज मंे वह एक मक्कार किस्म का इनसान है। काम के नाम पर उसके देवता कूच कर जाते हैं। काम से बचने को उसके पास सौ बहाने हैं। आज उसे बच्चे को स्कूल छोड़ना है, कल उसे बच्चे को स्कूल से लाना है, कभी उसकी पत्नी आएगी तो उसके साथ जाना पड़ेगा, कभी उसकी तबियत ठीक नहीं है तो कभी वह किसी की अन्त्येष्टि या तीये की बैठक में जाएगा। वह सवेरे ही तय कर लेता है कि उसे कौनसा फार्मूला आजमाना है। मुझे खुद को उसके पूरे बहाने याद नहीं हैं। यह भी इन बिंदुओं को देखते हुए विचारणीय है कि उसका अफसर उसे कैसे लगातार बरदाश्त कर रहा है या वे क्यों नहीं उसे कामचोरी से रोक पाते हैं। दरअस्ल गोपाल में चापलूसी का अद्भुत गुण विद्यमान है। दूसरा उसका सीनियर पूरी गंभीरता से कार्यालय में बैठकर काम निपटा रहा है।
