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‘बॉडीकॉन’ लौट आया है
एन. रघुरामन। 'बॉडीकॉन' लौट आया है! नहीं समझे? मैं समझाता हूं। 'बॉडीकॉन' शरीर के फिगर से चिपकी रहने वाली ड्रेस है जो लचीले मटेरियल से बनती है। यह शब्द 'बॉडी कॉन्फिडेंस' या 'बॉडी कॉन्शियस' से बना है, जिसे 1980 के दशक में जापानी लाए थे। महामारी की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह तय है कि लहराती मैक्सी और ढीली ड्रेसिंग का जमाना गया। अब युवतियों को थोड़े तंग कपड़े पसंद हैं।
इस नए फैशन ट्रेंड के बारे में बात करने का इससे बेहतर दिन क्या होगा- ठंड के वीकेंड की शुरुआत का शनिवार। दो साल पहले पूरी तरह ढंकने वाली, ढीली ड्रेस का फैशन था। तब झालरदार (फ्रिल्स), चुन्नट (रफल्स) वाली, ऊंची नेकलाइन और परतदार स्कर्ट्स का ट्रेंड था, जिनमें सिर्फ एड़ियां दिखती थीं। मुंबई की सिने पार्टियों तक में मैंने यही ट्रेंड देखा था।
पिछले दो वर्षो में ज्यादा खास अवसर नहीं रहे, ऑफिस नहीं गए, बड़ी पार्टियां भी नहींं हुईं, इसलिए हम लेटेस्ट ट्रेंड नजरअंदाज करते रहे। पार्टी करने वाले अब बदला लेना चाहते हैं। वे वर्क फ्रॉम होम के ट्रैकसूट से सीधे 'बॉडीकॉन' पर आ गए हैं। पिछले हफ्ते हुई एक एलाइट पार्टी में मैंने यही देखा।
अगर आप सोच रहे हैं कि बॉडी कॉन्शियस कपड़े सिर्फ छरहरे लोगों के लिए हैं और इस दिसंबर के जश्न के लिए अलमारी में रखे तंग कपड़ों को लेकर अनिश्चित हैं तो एलबीबीडी से शुुरुआत करें, यानी 'लिटिल ब्लैक बॉडीकॉन ड्रेस'। ये हर मौके लिए सुंदर वेल्वेट ड्रेस हैं, जो आपको खूबसूरत और आकर्षक बनाती हैं।
पार्टी में आत्मविश्वास पाने और घूरती नजरों से बचने के लिए कई महिलाएं, खासतौर पर भारत में, बॉडी-हगिंग (शरीर से चिपकी) की बजाय बॉडी-स्किमिंग ड्रेस पहन रही हैं। ये ड्रेस शरीर को स्किन कलर में ढंकती हैं, जिससे ड्रेस स्किन की तरह दिखती हैं, जैसे कपड़े रियलिटी शो में डांसर्स खुले हिस्से ढंकने के लिए पहनती हैं।
पहनावे के बाद बारी है पर्स की। मेरी कुछ दोस्त एक हैंडबैग पर उतना खर्च करती हैं, जितने में मैं अपनी 2015 की कार के चारों टायर बदलवा लेता हूं। वे क्रास-बॉडी स्टाइल के नहीं हैं, जो महामारी के दौरान जल्द शॉपिंग के लिए खूब चले। वे बड़े ब्रांड्स और बड़ी कीमत के हैं। पहली बात, वे हैंड्स-फ्री नहीं हैं।
आप अपना एलाइट स्टेटस, सामने वाले से बात करते हुए, हाथ हिलाकर दिखा सकती हैं। इनमें भारी बकल्स और ब्रांड का बड़ा लोगो तथा ढेर सारे स्टड (बटन) होते हैं। नए जमाने के इन पर्स में सोने के या सुनहरे लोगो हैं। लेकिन याद रखें, कंधे पर टांगने वाले पर्स का जमाना गया और छोटे स्ट्रैप वाले पर्स हाथ में लेने का फैशन वापस आ गया है।
जो 22 वर्ष से कम की, कॉलेज जाने वाली युवतियां हैं, उनके लिए 'ओवरशर्ट' 2020-21 का नया ट्रेंड है। आपने शायद महिलाओं को जींस, डेजर्ट बूूट्स और एक शर्ट के ऊपर दूसरी बड़ी प्लेड (चेक्स वाली) शर्ट पहने देखा होगा, जो खुली हुई और घुटनों तक लटकी रहती है। इसे ओवरशर्ट कहते हैं। आमतौर पर लोग ठंडक महसूस होने पर ऑफिस में ओवरशर्ट पहनते हैं और तापमान बढ़ने पर उतारकर कुर्सी पर टांग देते हैं। फिर घर लौटते समय इसे फिर पहन लेते हैं, जब हवा में ठंडक होती है।
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