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- कश्मीर का नया आतंकवाद

इस साल के पांच महीनों में 13 कश्मीरी पंडितों की हत्याएं…बीती मई में ही 7 हिंदुओं की जि़ंदगी छीन ली गई। हमलावर नाम पूछता है, पहचान की पुष्टि करता है और गोलियों की बौछार कर देता है। बेशक आतंकवाद के खिलाफ मौजूदा प्रशासन और केंद्र की मोदी सरकार बेहद सख्त है। इस साल अभी तक करीब 90 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है, लेकिन कश्मीर के 18 नागरिक और घाटी में ही सक्रिय 15 जांबाज भी 'शहीद' हुए हैं। हमारे लिए यह बेहद घातक स्थिति है, क्योंकि आतंकवाद ने भी चेहरा बदल लिया है। अब लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडरों की सरपरस्ती में आतंकी न तो बड़े हमलों की साजि़श रचते हैं और न ही एके-47, ग्रेनेड, रॉकेट आदि हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। स्थानीय स्तर पर आतंकी गुट बनाए जा रहे हैं। उनके तार पाकपरस्त आतंकवादियों से जुड़े हैं। यह कश्मीर का नया आतंकवाद है, जो अपनी रणनीति में अभी तक कामयाब दिखता है। आतंकी अधिकतर पिस्टल से गोलियां चलाकर हत्याएं कर रहे हैं। बीते 5 माह के दौरान जितने भी आतंकी कश्मीर में मारे गए हैं, उनके पास से 134 पिस्टल बरामद की गई हैं।
सोर्स- divyahimachal
