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- कुंभ के बाद कांवड़...
इसी महीने की 25 तारीख से शुरू हो रही सालाना कांवड़ यात्रा को लेकर जिस तरह की अनिश्चितता राज्य सरकारों के रुख में दिख रही है, वह चिंताजनक है। उत्तराखंड सरकार ने पिछले महीने ही कोविड-19 की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला कर लिया था। अब नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान से संकेत मिलता है कि राज्य सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार भी कर सकती है। उन्होंने कहा है कि कांवड़ यात्रा सिर्फ उत्तराखंड से जुड़ा मसला नहीं है। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली आदि से भी श्रद्धालु शामिल होते हैं, इसलिए इन सरकारों से बातचीत करके ही कोई फैसला किया जाएगा। गौर करने की बात है कि धामी के इस बयान से पहले यूपी सरकार इस साल भी कांवड़ यात्रा जारी रखने का फैसला कर चुकी थी। ऐसे में दो बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों के परस्पर विरोधी फैसलों का टकराव न केवल गलत राजनीतिक संदेश देता बल्कि उससे उपजी अनिश्चितता का खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ता। इस संदर्भ में देखा जाए तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का बयान अनावश्यक टकराव टालने का एक समझदारी भरा प्रयास कहा जा सकता है।