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- काबुल गढ़े नया इस्लामी...

By वेद प्रताप वैदिक।
Afghanistan taliban islamic government अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को एकदम मान्यता देने को कोई भी देश तैयार नहीं दिखता। इस बार तो 1996 की तरह सउदी अरब और यूएई ने भी कोई उत्साह नहीं दिखाया। अकेला पाकिस्तान ऐसा दिख रहा है, जो उसे मान्यता देने को तैयार बैठा है। अपने जासूसी मुखिया ले. जनरल फैज हमीद को काबुल भेज दिया है। यह मान्यता देने से भी ज्यादा है। सभी राष्ट्र, यहां तक कि पाकिस्तान भी कह रहा है कि काबुल में एक मिली-जुली सर्वसमावेशी सरकार बननी चाहिए। जो चीन बराबर तालिबान की पीठ ठोक रहा है और जो मोटी पूंजी अफगानिस्तान में लगाने का वादा कर रहा है, वह भी आतंकवादरहित और मिली-जुली सरकार की वकालत कर रहा है लेकिन मैं समझता हूं कि सबसे पते की बात ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कही है। उन्होंने कहा है कि काबुल में कोई भी सरकार बने, वह जनता द्वारा चुनी जानी चाहिए। उनकी यह मांग अत्यंत तर्कसंगत है।