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![बस पेट्रोल-डीजल भरोसे देश बस पेट्रोल-डीजल भरोसे देश](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/03/01/963751-disl.webp)
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच यह खबर राहत की तरह अखबारों में परोसी गई। एक सराकरी विज्ञप्ति में बताया गया कि अब दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच बसें पेट्रोल या डीजल के बजाय हाइड्रोजन गैस से चलेंगी। खबर पढ़कर लगता है कि अब जल्द ही देश को महंगे पेट्रोल से मुक्ति मिलने वाली है। जिसके भाव हर सुबह बढ़ जाते हों और फिर जरूरत की हर चीज को महंगा कर मुंह चिढ़ाते हों, उससे भला कौन मुक्ति नहीं चाहेगा। इसलिए सुनकर पहली नजर में अच्छा लगता है कि ठोस समस्या वाले तरल के मुकाबले एक गैस को लाया जा रहा है। वह भी एक ऐसी गैस को, जिसके चर्चे और गुणगान इन दिनों पूरी दुनिया में तकरीबन हर जगह ही हैं। हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जाता है और आने वाले समय के लिए प्रदूषण से मुक्ति का आश्वासन भी इसी में देखा जा रहा है।
रसायनशास्त्र हमें बताता है कि यह गैस जब जलती है, तो सिर्फ शुद्ध पानी बनता है, यानी प्रदूषण शून्य होता है और इसका कार्बन फुटप्रिंट भी ज्यादा नहीं होता। ये बातें सही भी हैं, लेकिन इन सब बातों का संदर्भ दूसरा है और फिलहाल यह हाइड्रोजन हमारे सामने महंगे पेट्रोल के विकल्प के रूप में पेश की जा रही है। कुछ बयानों में यह भी कहा गया कि समस्या इसलिए भी है कि देश ने इतने साल महंगे पेट्रोल का विकल्प नहीं खोजा और अब इसे खोजने का समय आ गया है। इसलिए हाइड्रोजन से पहले पेट्रोल के रूप की चर्चा जरूरी है।