सम्पादकीय

जाति ही पूछो मंत्री की! योगी सरकार 2.0 की कैबिनेट में दिख रही 2024 की तैयारी की झलक

Gulabi Jagat
26 March 2022 4:41 PM GMT
जाति ही पूछो मंत्री की! योगी सरकार 2.0 की कैबिनेट में दिख रही 2024 की तैयारी की झलक
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लखनऊ में योगी मंत्रीमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में सामने आये मंत्रियों के नाम और विशेषकर उनकी जाति देख कर यह स्पष्ट है
उत्पल पाठक।
लखनऊ में योगी मंत्रीमंडल (Yogi Adityanath Cabinet) के शपथ ग्रहण समारोह में सामने आये मंत्रियों के नाम और विशेषकर उनकी जाति देख कर यह स्पष्ट है कि 2024 की तैयारी में BJP शीर्ष नेतृत्व द्वारा जातिगत समीकरणों की नाप तौल के बाद ऐसे मंत्रीमंडल का खाका तैयार किया गया है. 2017 में 47 सदस्यीय मंत्रीमंडल में 3 दलित और 17 पिछड़ा वर्ग के मंत्री बनाये गए थे मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 60 मंत्रियों में 21 पिछड़ा वर्ग के, सात अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के थे. 2022 के 53 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 20 मंत्री पिछड़ा वर्ग से और 8 मंत्री दलित वर्ग से हैं. इनके अलावा 7 ब्राम्हण, 6 क्षत्रिय, 5 महिला, 4 बनिया मंत्री बनाये गए हैं. कायस्थ, भूमिहार एवं सिख समुदाय से भी एक एक मंत्री बनाए गए हैं.
पश्चिम पूरब पर भारी है
मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया में क्षेत्रीय संतुलन को साधने के क्रम में सबसे ज्यादा तरजीह पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिली है. BJP के लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण पश्चिम उत्तर प्रदेश के इलाके में सीटें भले ही पहले के मुकाबले कम हुई है लेकिन लेकिन योगी मंत्रिमंडल में पश्चिम के साथ पूरी दरियादिली दिखाई गई है और इस इलाके से 25 मंत्री बनाए गए हैं. अप्रत्याशित रूप से इस बार मैनपुरी से पिछली सरकार में मंत्री बनाए गए रामनरेश अग्निहोत्री को नहीं लिया गया. पूर्वांचल को 18 मंत्री मिले हैं, इसके अतिरिक्त प्रयागराज से केशव मौर्य दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाये गए हैं. इस बार बुंदेलखंड से तीन विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिला है, जबकि पिछली सरकार में यहाँ से दो मंत्री ही थे.
मध्य को छोड़ कर उत्तर प्रदेश के चारों हिस्सों की हिस्सेदारी बढ़ी है. मध्य का प्रतिनिधित्व मंत्रिपरिषद में काफी कम हुआ है, इस क्षेत्र को केवल सात मंत्री मिले हैं जबकि पिछली बार यहां से नौ मंत्री थे. राजधानी लखनऊ का रुतबा भी इस बार मंत्रियों के मामले में काफी घट गया है लेकिन आगरा, शाहजहांपुर व वाराणसी को तीन-तीन मंत्री मिले हैं. पिछली सरकार में लखनऊ से छह मंत्री थे लकिन इस बार यहाँ से सिर्फ बृजेश पाठक दिनेश शर्मा के स्थान पर उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. लखनऊ से अन्य किसी विधायक को इस बार मंत्रिपरिषद में नहीं लिया गया है, कानपुर से भी इस बार कोई मंत्री नहीं बना है.
75 जिलों में 39 जिलों से कोई मंत्री नहीं
योगी सरकार के इस मंत्रिमंडल की खास बात यह भी है कि इस बार प्रदेश के कुल 36 जिलों को मंत्री पद के मामले में प्रतिनिधित्व मिला है. यह जिले हैं – आगरा,मथुरा, अलीगढ़, मैनपुरी, बरेली,मुरादाबाद, संभल, कन्नौज, मेरठ, रामपुर, गाजियाबाद, बागपत, शामली, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर , सहारनपुर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मऊ, मिर्जापुर, सोनभद्र, जौनपुर, बलिया, देवरिया, मिर्जापुर, फतेहपुर , लखनऊ, रायबरेली,सीतापुर, हरदोई व कानपुर देहात, जालौन, बांदा और ललितपुर. प्रदेश के अन्य 39 जिलों से किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है.
2017 के मुकाबले 2022 के आँकड़े
पश्चिम – 2017 में यहाँ से कुल 109 विधायक थे और इनमें से 16 को मंत्री बनाया गया था. 2022 में यहाँ से 93 विधायक हैं लेकिन 23 मंत्री बनाए गए हैं.
मध्य- 2017 में इस इलाके से 97 विधायक थे जिनमें से 13 को मंत्री बनाया गया था. 2022 में 87 विधायकों में सिर्फ 12 ही मंत्री बन पाए हैं.
पूर्वांचल- 2017 में यहाँ से आये 100 विधायकों में 14 मंत्री बनाए गए थे. 2022 में 77 विधायकों के बीच से 14 मंत्री बनाए गए हैं.
बुन्देलखण्ड- 2017 में 19 विधायकों के बीच से सिर्फ एक मंत्री बन पाए थे , 2022 में 16 विधायकों में से चार को मंत्री पद दिया गया है.
पिछड़ा कार्ड का प्रयोग अल्पसंख्यक समुदाय में भी
BJP ने इस बार भी बिना चुनाव लड़ाये मुस्लिम समुदाय से मंत्री बनाया है. लेकिन इस बार किसी अगड़ी जाति के नेता के बजाय वहां भी पिछड़ा कार्ड खेला गया है. पसमांदा समाज से ताल्लुक रखने वाले दानिश आज़ाद अंसारी को मंत्री बना कर अंसारी समुदाय और मुस्लिम पिछड़ों के बीच BJP ने नयी चर्चा को जन्म दे दिया है. बलिया के अपायल गाँव के मूलनिवासी 32 वर्षीय दानिश फिलहाल BJP के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री हैं.
2006 में लखनऊ विश्विद्यालय से स्नातक की पढ़ाई के बाद 2011 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गये थे. दानिश के दादा मोहम्मद ताहा अंसारी जूनियर हाई स्कूल सुखपुरा में अपने ज़माने के नामी शिक्षक रहे हैं. पसमांदा समाज के इस युवा चेहरे को मंत्रीमंडल में जगह देकर BJP ने अल्पसंख्यक समुदाय में सन्देश देने की कोशिश की है कि वहां भी अगड़े पिछड़ों के बीच BJP पिछड़ों का ज्यादा तवज्जो देने की दिशा में प्रयासरत है.
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