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- कोरोना का पीक आने में...
संयम श्रीवास्तव। यूपी में कोरोना से पीड़ित जनता और उनके परिजन त्राहि-त्राहि कर रहे हैं पर नौकरशाही अपनी ही धुन में मस्त है. हालत ये है कि बिना तर्क वाले फैसले लिए जा रहे हैं. अधिकारी आम जनता की कौन कहे सत्ताधारी पार्टी के मंत्री और विधायकों की भी नहीं सुन रहे हैं. 2 हफ्ते पहले इसी के चलते प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग को चिट्ठी लिखी थी. लखनऊ में सीएमओ के यहां से पर्ची मिलने पर ही मरीजों को दाखिला मिलेगा जैसे फैसले करने वाले अधिकारी लगातार अव्यवहारिक फैसले ले रहे हैं. जनता की सुनवाई के लिए नंबर जारी किए जा रहे हैं उसे भी कोई सुनने को तैयार नही है. इतना नहीं कोई भी अधिकारी अपने ट्विटर हैंडल पर आजकल नहीं मिलेगा. सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार अपने हैंडल पर आम लोगों की समस्याओं का हल करते दिख जाएंगे पर अधिकारियों से उम्मीद करना बेमानी हो गया है.