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14 अगस्त को पाकिस्तान अपना 75वां स्थापना दिवस मनाएगा। अपनी स्थापना से यदि पाकिस्तान ने कोई एक काम किया है
विनोद पाठक। 14 अगस्त को पाकिस्तान अपना 75वां स्थापना दिवस मनाएगा। अपनी स्थापना से यदि पाकिस्तान ने कोई एक काम किया है तो वो है भारत के साथ मुकाबला। शुरुआत से पाकिस्तानी नेता और सेना जनता को भारत से तुलना का झूठा पाठ पढ़ाती आ रही है। ताजा उदाहरण ओलंपिक गेम्स का है।
दरअसल, पाकिस्तान ने 29 साल पहले बार्सिलोना ओलंपिक गेम्स में हॉकी में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद से उसकी झोली खाली चल रही है, लेकिन टोक्यो ओलंपिक गेम्स में जैवलिन थ्रो में पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम फाइनल में क्या पहुंचा, पाकिस्तान ने पुरानी आदत के चलते गोल्ड पदकधारी भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा से अरशद की तुलना शुरू कर दी।
यही नहीं पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन को कमतर तक बताया जाता रहा। हालांकि, मात्र 22 सदस्यीय दल, जिसमें 10 खिलाड़ी थे, ओलंपिक गेम्स भेजने वाले पाकिस्तान की कालू करतूतों की परतें खुलने लगी हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में इन दिनों
टोक्यो ओलंपिक गोम्स में भाग लेने वाले एथलीट अरशद नदीम और वेटलिफ्टर तल्हा तालिब इनदिनों पाकिस्तान में हीरो बने हुए हैं। नदीम ने जैवलिन थ्रो के फाइनल मुकाबले में 5वां स्थान प्राप्त किया तो 21 वर्षीय तालिब 67 किलोग्राम वर्ग में 5वें नंबर पर रहे। ये और बात है कि दोनों को पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन से कोई सहयोग नहीं मिला। दोनों व्यक्तिगत स्तर पर फाइनल तक पहुंचे।
अरशद और तालिब के अलावा 8 और खिलाड़ी टोक्यो गए थे, जिनमें महिला एथलीट नजीमा परवीन भी शामिल थी। नजीमा क्वालिफाई नहीं कर सकी और 200 मीटर रेस में अंतिम आईं। उसने 28 सेकेंड से अधिक समय में रेस पूरी की, जिसका पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर जमकर उपहास उड़ाया जा रहा है।
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