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अब एक छोटा बच्चा भी जानता है कि अपना मनपसंद खाना खाने के लिए उसे 'चाचा का ढाबाÓ तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं है। वह ज़मैटो या स्विगी के ऐप से चाचा का ढाबा का ही नहीं, उस जैसे कई और ढाबों या रेस्टोरेंट्स का मैन्यू देख सकता है, अपनी मनपसंद का खाना आर्डर कर सकता है और वह खाना उसे उसके घर पर ही मिल जाएगा तथा उसके लिए उसे कुछ फालतू पैसे भी नहीं खर्च करने पड़ेंगे। हमने कहीं जाना हो तो हमें कोई टैक्सी वाला ढूंढऩा नहीं पड़ता, मोल-भाव नहीं करना पड़ता, ओला और उबर की सुविधा मौजूद है। गाड़ी हमारे घर के दरवाज़े पर पहुंच जाएगी और हमें हमारे गंतव्य तक पहुंचा भी देगी। राशन मंगवाना हो तो भी बिग बाज़ार और बिग बास्केट जैसी कंपनियां हमारी सेवा में हाजिऱ हैं। यही नहीं, एमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां तो दुनिया की हर चीज़ आपको आपके घर तक पहुंचाने के लिए तत्पर हैं। ओला और उबर ने जहां पारंपरिक टैक्सी सेवा को नए सिरे से परिभाषित किया है, वहीं बिग बाज़ार और बिग बास्केट जैसी कंपनियों ने छोटे दुकानदारों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है।