सम्पादकीय

बात तो जायज है

Gulabi Jagat
22 April 2022 5:49 AM GMT
बात तो जायज है
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यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी धनपतियों पर हुई कार्रवाई से जाहिर हुआ कि टैक्स चोरी कर जुटाए गए धन का पता लगाना संभव है
By मोहन कुमार।
यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी धनपतियों पर हुई कार्रवाई से जाहिर हुआ कि टैक्स चोरी कर जुटाए गए धन का पता लगाना संभव है। अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहे, तो वह ऐसा करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई कर सकता है। यही बात अब दुनिया के 14 मशहूर अर्थशास्त्रियों ने कही है।
यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों ने अनेक रूसी धनपतियों पर हुई कार्रवाई की है। उनके धन को जब्त कर लिया गया है। इससे यह जाहिर हुआ कि टैक्स चोरी कर या अवैध ढंग से जुटाए गए धन का पता लगाना संभव है। अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहे, तो वह ऐसा करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई कर सकता है। यही बात अब दुनिया के 14 मशहूर अर्थशास्त्रियों ने कही है। उन्होंने जी-20 देशों से कहा है कि रूसी ऑलिगार्क्स (अवैध धन इकट्ठा कर धनी लोगों) के खिलाफ चल रही कार्रवाई के साथ ही अब टैक्स हैवेन्स (कर चोरी के अड्डों) पर भी कार्रवाई करें। इन अर्थशास्त्रियों ने जी-20 में शामिल सभी 20 देशों के वित्त मंत्रियों के नाम खुला पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि दुनिया भर के धनी लोग अपने धन को टैक्स हैवेन्स में रखे हुए हैँ। टैक्स चोरी से बचने का उन्होंने विस्तृत ढांचा बना रखा है। भ्रष्टाचार और अवैध तरीकों से कमाए गए धन को भी इसी तरह सुरक्षित रखा जा रहा है। मौजूदा विश्व वित्तीय व्यवस्था के कारण कर चोरी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा मिला है।
अब यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी ऑलिगार्क्स पर हुई कार्रवाई से यह बेनकाब हो गया है कि धनी-मानी लोग किस तरह छिपा कर धन रखने में सफल हो जाते हैं। पत्र में कहा गया है- 'यूक्रेन युद्ध ने दिखा दिया है कि हमें टैक्स हैवेन्स पर कार्रवाई करने की जरूरत है। पारदर्शिता के उपायों को वहां तुरंत लागू किया जाना चाहिए। इसके तहत सभी देशों के ऑलिगार्क्स और टैक्स हैवेन्स में छिपाए गए सभी प्रकार के धन को निशाना बनाया जाना चाहिए।' तो अर्थशास्त्रियों ने जी-20 देशों से एक ग्लोबल रजिस्टर (वैश्विक पंजी) बनाने की मांग की है। कहा है कि इस रजिस्टर में मौजूद सभी कंपनियों, संपत्तियों, और उनके स्वामित्व के ढांचे को दर्ज किया जाए। इससे कर चोरी को रोकना संभव हो जाएगा। ये सभी अर्थशास्त्री कर चोरी रोकने के मकसद से बनाए गए थिंक टैंक- इंडिपेंडेन्ट कमीशन फॉर रिफॉर्म ऑफ इंटरनेशनल कॉरपोरेट टैक्सेन (आसीआरआईसीटी) के सदस्य हैं। उनकी राय है कि टैक्स हैवेन्स में धन जमा किए जाने के कारण गैर-बराबरी बढ़ रही है। इसकी वजह से सबसे गरीब तबकों के लोग और गरीब हो रहे हैँ। ऐसा इसलिए संभव होता है कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था कर चोरों के पक्ष में झुकी हुई है, जिसमें तुरंत सुधार की जरूरत है।
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