- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- सेवा करना तो सरकार का...
सरकारी कंपनियों को बेचने के अभियान को अब तक केंद्रीय मंत्री जिस जुमले के जरिए सही ठहरा रहे थे वह फैंसी जुमला बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बोला। उन्होंने कहा 'गवर्नमेंट हैज नो बिजनेस टू बी इन बिजनेस'। यानी कारोबार करना सरकार का काम नहीं है तो क्या सारे सरकारी बिजनेस को क्रोनी पूंजीपतियों को सौंप देना सरकार का काम है? असल में यह फैंसी लाइन समाजवादी और साम्यवादी सरकारों द्वारा चलाई जाने वाली सरकार नियंत्रित या मिश्रित अर्थव्यवस्था के विरोध में पूंजीवाद के पुरोधा जानकारों की गढ़ी हुई है। उन्होंने इस फैंसी लाइन के जरिए सरकार और कारोबार के बीच एक रेखा खींची और यह बताने का प्रयास किया कि कारोबार करना कोई बहुत अच्छा या जरूरी काम नहीं है, जो सरकार करे। इस लाइन में कहा नहीं गया है पर यह बात अपने आप ध्वनित होती है कि सरकार का काम सेवा करना है। वह कारोबार नहीं करे, सेवा करे, जन कल्याण करे, प्रशासन संभाले! याद करें कैसे प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपना पहला फैंसी जुमला बोला था- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस! उनका ताजा बोला गया जुमला इसी पुराने जुमले की निरंतरता है।