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गांधी ने अपने जीवन में सत्य के प्रयोग किए थे और हनुमानजी के हर प्रयोग में सत्य था
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
हनुमानजी और गांधीजी। एक आजन्म ब्रह्मचारी, दूसरे ने जीवनभर ब्रह्मचर्य को समझाया। गांधी ने अपने जीवन में सत्य के प्रयोग किए थे और हनुमानजी के हर प्रयोग में सत्य था। हनुमानजी कहते थे जिनके साथ उनका भगवान है, वे किसी से नहीं डरते। गांधीजी कहा करते थे सत्य यदि साथ है तो डरने की जरूरत ही नहीं है।
ये दोनों ही अपनी आन, बान और शान के लिए जाने जाएंगे। हनुमानजी का चरित्र निर्दोष, निष्कलंक और सर्वमान्य है, गांधी के चरित्र पर आलोचना, निंदा और सवालों का सिलसिला चलता ही रहा। आंखों को पंख लगाने से बहुत दूर तक देख लेंगे, यह जरूरी नहीं होता। जीवन की कई जरूरी बातें अंतर्दृष्टि से देखी जाती हैं। हनुमानजी चिरंजीवी हैं और गांधी का महानिर्वाण हुआ था।
इन दोनों ने ही राम नाम को मंत्र माना और उसे साधा। दोनों के आचरण से साबित होता है कि मनुष्य के पास मंत्र की शक्ति होना चाहिए। हनुमान चालीसा की प्रत्येक पंक्ति एक मंत्र है। इसीलिए गांधीजी के महानिर्वाण दिवस पर कल 30 जनवरी को देश-दुनिया के करोड़ों हनुमान भक्त एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
इस विशेष कार्यक्रम का प्रसारण शाम 8 से 9 बजे तक संस्कार टीवी पर किया जाएगा। इसका उद्देश्य सिर्फ यही है कि महान आत्माएं देवत्व के रूप में आज भी हमारी रग-रग में बसती हैं। इन्हें जीएं, वरना जीवनभर बिना देवता के मंदिर बना रहे होंगे।
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