सम्पादकीय

दिव्यांगजनों के दर्द को समझना जरूरी

Gulabi
4 Dec 2021 3:59 AM GMT
दिव्यांगजनों के दर्द को समझना जरूरी
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दिव्यांगजनों के दर्द
जो दिव्यांगों का दर्द न समझे वो अवश्य ही दिमाग से दिव्यांग होगा या फिर उसमें इनसानियत जरा भी नहीं होगी। कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि वो दिव्यांग हो। लेकिन कुदरत के आगे किसी का वश नहीं चलता। 3 दिसंबर को हर वर्ष विश्व दिव्यांग (विकलांग) दिवस मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगों का सशक्तिकरण और इनके लिए समान अधिकार और विकास की संभावनाओं की सुनिश्चितता करना भी है। इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि हमारे देश में दिव्यांगो के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं। सामाजिक संस्थाएं भी इनकी भलाई के लिए अग्रसर हैं। दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो दिव्यांग होते हुए भी अद्भुत काम करते हैं और दूसरों के लिए मिसाल भी बनते हैं। बहरहाल, दिव्यांगजनों के दर्द को समझना जरूरी है।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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