सम्पादकीय

सम्पादकीय: आई.एस.आई का 'अफगानिस्तान प्लान', काबुल कंट्रोल का नया फॉर्मूला

Gulabi
5 Sep 2021 9:43 AM GMT
सम्पादकीय: आई.एस.आई  का अफगानिस्तान प्लान, काबुल कंट्रोल का नया फॉर्मूला
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ISI चीफ का काबुल जाना 'खतरे की घंटी'

धर्मेंद्र द्विवेदी।

जिस बात का डर था आखिरकार वो हो गया, खबरें भले ही नहीं आ रहीं लेकिन बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) को पाकिस्तान (Pakistan) ने हक्कानी (Haqqani Network) के जरिए पूरी तरह से हैक कर लिया है. शनिवार को ISI चीफ फैज़ हमीद (Faiz Hameed) का काबुल (Kabul) पहुंचना कोई सामान्य बात नहीं है, बल्कि वो बहुत बड़ी साजिश का ब्लूप्रिंट लेकर पहुंचा है, जिसका असर नज़र भी आने लगा है. तालिबान की सरकार न बन पाना उसी साजिश का नतीजा है.

क्योंकि पाकिस्तान चाहता ही नहीं है कि तालिबान (Taliban) के कंट्रोल में अफगानिस्तान की सत्ता आए. अगर तालिबान सत्ता पर काबिज होगा तो पाकिस्तान वो नहीं कर पाएगा जो वो चाहता है. पाकिस्तान आर्मी (Pakistan Army) और ISI ने मिलकर प्लान ऑफ एक्शन तैयार किया है. उसे अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी फैज़ हमीद को सौंपी गई है.
ISI चीफ का काबुल जाना 'खतरे की घंटी'
जिस वक्त काबुल में खड़े फैज़ हमीद की तस्वीर दुनिया के सामने आई, उसी वक्त सवाल खड़ा हो गया था कि आखिर किसी खुफिया एजेंसी के चीफ का अफगानिस्तान में इस वक्त क्या काम हो सकता है. न तो वहां सरकार बनी है, न कोई सिस्टम है, ऐसा भी नहीं है कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के खिलाफ कोई साजिश रचेगा फिर ISI चीफ वहां क्यों गया.
कोई डिप्लोमैट जाता तो समझ में आता, कोई नेता जाता तो भी बात कुछ हद तक समझी जाती, लेकिन दुनिया की सबसे बदनाम और खतरनाक एजेंसी का आका अगर वहां पहुंचा है तो ये बहुत बड़े खतरे की ओर इशारा करती है.
तालिबान के हाथ से निकला अफगानिस्तान?
अपुष्ट सूत्रों के हवाले से जो खबरें आ रही हैं वो कम से कम भारत के नजरिए या परेशानी की ओर इशारा कर रही हैं. बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान का कंट्रोल अब हक्कानी नेटवर्क के सिराजुद्दीन हक्कानी के हाथ में है, क्योंकि पाकिस्तान उसे पूरा सपोर्ट कर रहा है. ख़बर तो ये भी है कि शुक्रवार रात काबुल में जो फायरिंग हुई दरअसल वो गैंगवॉर का हिस्सा था.
तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के बीच गोलाबारी हुई थी, दावा तो यहां तक है कि हक्कानी की तरफ से गोलाबारी में अब्दुल गनी बरादर भी जख्मी हैं. पाकिस्तान में उनका इलाज चल रहा है. इन सब खबरों का लब्बोलुआब यही है कि अफगानिस्तान में जबरदस्त घमासान चल रहा है.
ट्रेनिंग के बहाने अफगान आर्मी पर कंट्रोल?
खबर है कि पाकिस्तान ने अफगानी सैनिकों को ट्रेनिंग की पेशकश की है. इस खबर का असल पहलू ये है कि पाकिस्तान अफगानी सेना में भी घुसपैठ करना चाहता है. ट्रेनिंग के बहाने बाजवा आर्मी का दखल अफगान सेना में हो जाएगा. एक बार अगर अफगान सेना पाकिस्तान के इशारों पर चलने लगी तो पाकिस्तान का काम और आसान हो जाएगा. तालिबान पर कंट्रोल के लिए हक्कानी के साथ-साथ सेना का इस्तेमाल भी कर सकेगा.
बात यहीं तक नहीं है अगर कल को हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान से अदावत करता है तो उस केस में भी अफगान सेना का प्रयोग हक्कानियों को काबू करने में किया जा सकता है. कुल मिलाकर अफगानिस्तान में पाकिस्तान की साजिश बहुत गहरी है और उसे मुकम्मल करने के लिए ही ISI चीफ को काम पर लगाया गया है.
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