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- ये संयोग है या
पहले सहसा इस खबर पर यकीन करना मुश्किल है। लेकिन ये सच है कि भारत पाकिस्तान की जमीन पर उस आतंकवाद विरोधी सैनिक अभ्यास में शामिल होगा, जिसमें पाकिस्तान की सेना भी हिस्सा लेगी। पब्बी आतंकवाद विरोधी संयुक्त सैनिक अभ्यास इसी वर्ष होगा। शंघाई सहयोग संगठन के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे के तहत इसका कार्यक्रम बना है। लेकिन भारत के नजरिए से मुद्दा यह है कि क्या भारत अब पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी शक्ति मानने लगा है? क्या उसकी ये राय बदल गई है कि पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षण और प्रश्रय देता है? अगर ऐसा हुआ है, तो फिर यह भारत की आतंकवाद संबंधी समझ में पैराडाइम शिफ्ट (मानक परिवर्तन) माना जाएगा। मगर ऐसे परिवर्तन का कोई आधार है, यह सामान्य बुद्धि से बाहर है। पिछले दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच वर्षों से रिश्तों पर जमी बर्फ अब पिघलने लगी, ये तो साफ है।