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- राहुल गांधी थक गए हैं...
अजय झा।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) थक गए हैं, शारीरिक और मानसिक तौर पर. थके भी क्यों नहीं, इतना काम कोई करता है क्या? पर करें भी तो क्या, कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की डूबती नाव को किनारे लगाने की सारी जिम्मेदारी जो उनके कंधो पर आ गयी है. ऐसा भी नहीं है कि पार्टी में दूसरे नेता नहीं हैं, पर सभी की नज़र उस कुर्सी पर टिकी है जो खाली भी नहीं है. अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर ही सही, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पिछले लगभग दो वर्षों से कुर्सी पर विराजमान हैं. जब भी वह कुर्सी खाली करेंगी तो उस पर राहुल गांधी को ही बैठना होगा. बेचारे राहुल गांधी करें भी क्या, देश हित में पार्टी तो चलानी ही है. अगर गांधी परिवार ना हो तो कांग्रेस पार्टी अंधियारी गलियों में भटकने लगेगा, देश में साम्प्रदायिकता बढ़ जायेगी और अराजकता छा जाएगा. राहुल गांधी की मजबूरी है कि थके बदन और थके मस्तिष्क के बावजूद उन्हें काम करना ही पड़ता है.