सम्पादकीय

क्या पुतिन मध्यस्थ हैं?

Gulabi
23 Dec 2021 5:30 AM GMT
क्या पुतिन मध्यस्थ हैं?
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रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन शिखर वार्ता के लिए छह दिसंबर को भारत आए
पुतिन की यात्रा के बाद ये चर्चित हुआ कि मोदी से बातचीत के दौरान उन्होंने भारत, रूस और चीन की त्रिपक्षीय शिखर वार्ता का प्रस्ताव रखा, ताकि भारत-चीन में जारी तनाव को घटाया जा सके। पिछले हफ्ते चीन के राष्ट्रपति से अपनी बहुचर्चित वीडियो शिखर वार्ता के बाद पुतिन ने फिर मोदी से बात की।
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन शिखर वार्ता के लिए छह दिसंबर को भारत आए। 20 दिसंबर को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। दो हफ्तों में इतनी महत्त्वपूर्ण बात क्या थी, जिसके लिए दोनों नेताओं ने फिर से बातचीत करने की जरूरत महसूस की? इस बारे में कोई पुष्ट खबर नहीं है। लेकिन ऐसी चर्चाएं हैं, जिनसे कुछ संकेत मिलता है। पुतिन की यात्रा के बाद ये चर्चित हुआ कि मोदी से बातचीत के दौरान उन्होंने भारत, रूस और चीन की शिखर वार्ता का प्रस्ताव रखा, ताकि भारत और चीन के संबंधों में जारी तनाव को घटाया जा सके। पिछले हफ्ते पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बहुचर्चित वीडियो शिखर वार्ता हुई। उसके बाद उन्होंने फिर से मोदी से बात की। इस बीच दूसरे संकेत हैं कि भारत और चीन के बीच बयानों के सुर नरम हुए हैँ। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तो बाकायदा कहा है कि भारत के साथ राजनयिक और सैनिक स्तर पर चीन का संपर्क बना हुआ है। उधर भारत ने बीजिंग में अपने नए राजदूत के बतौर प्रदीप कुमार रावत को नियुक्ति किया है। चीन के सरकार समर्थक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस पर एक बड़ी रिपोर्ट छापी है, जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि रावत धाराप्रवाह चीनी बोलते हैं और उनका एक चाइनीज निकनेम भी है। जिक्र है कि रावत पहले भी बीजिंग में राजनयिक नियुक्ति पर रह चुके हैं और चीन को अच्छी तरह जानते हैँ।
ये गौरतलब है कि जिस समय अमेरिका के साथ रूस और चीन दोनों का टकराव तेजी से बढ़ रहा है, उस समय उन दोनों का हित इसमें है कि जितना संभव हो, भारत को अमेरिकी धुरी से उतना दूर रखा जाए। तो ये संभावना अब जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में भारत, चीन और रूस की त्रिपक्षीय शिखर वार्ता होगी। इस बीच चीन अपना रुख नरम करेगा, जिससे भारत में सरकार समर्थकों को यह कहने का मौका मिल सके कि प्रधानमंत्री की कूटनीति सफल हो रही है। उधर लगभग डेढ़ साल से भारत और चीन के बीच जो तनाव है, उसमें शिथिलता आ सकती है। जब अमेरिका मुकाबिल है, तब जाहिर है, चीन भारत के साथ मोर्चा और गरम नहीं करना चाहता। इसलिए विशेषज्ञों को इस बात में दम नजर आया है कि पुतिन के जरिए कुछ बात बनाने की कोशिश चल रही है।
नया इण्डिया
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