- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- पूर्व उप प्रधानमंत्री...
x
पूर्व उप प्रधानमंत्री पर रेप का आरोप
बिक्रम वोहरा।
चीन में जब कोई व्यक्ति सत्ता के लिए शर्मिंदगी की वजह बन जाता है तो सरकार उसे अनुशासित करने के लिए डरा-धमका कर समाज से बहिष्कृत कर देती है. उसे कहा जाता है कि वो अपना बर्ताव ठीक करे नहीं तो… और इस 'नहीं तो' का मतलब ये होता है कि उसके परिवार के सदस्यों को भी उसके व्यवहार का नतीजा भुगतना पड़ सकता है. इस तरह का निर्वासन कोई नया नहीं है, लेकिन टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई का मामला दूसरे अपहृत लोगों से बिलकुल अलग है. सबसे पहले तो #MeToo का मामला होने की वजह से इस मुद्दे ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. फिर टेनिस सर्किट में सबसे ज्यादा चहेती खिलाड़ी होने की वजह से भी पेंग शुआई के लिए समर्थन की बाढ़ आ गई है.
वहीं उनसे पहले दूसरे लोगों को उनके प्रोफेशनल क्षेत्र से इतना समर्थन नहीं मिला. मिसाल के तौर पर अली बाबा के अरबपति मालिक जैक मा को ही ले लें. कनाडा के कारोबारी जिओ जियानहुआ को हांगकांग के एक होटल की लॉबी से नशीली दवा देकर सबके सामने व्हीलचेयर पर ले जाया गया. फिल्म स्टार झाओ वेई को एक रात में गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया गया. इसी तरह कलाकार एई वेईवेई को खुलकर बोलने के लिए और लेखक गुई मिन्हाई को कथित तौर पर सत्तारूढ़ एलीट वर्ग के सदस्यों के बारे में लिखने के लिए चीन में दंडित किया गया.
विश्व के महान टेनिस सितारों ने जताई चिंता
जहां सेरेना, नाओमी और जोकोविच जैसे शीर्ष टेनिस सितारों ने इस पर चिंता जाहिर की, रोजर फेडरर ने साफ तौर पर कहा, "पेंग हमारे टेनिस चैंपियनों में से एक है, विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी रह चुकी हैं, ये स्पष्ट रूप से बेहद चिंता की बात है." निस्संदेह इस मुद्दे पर बीजिंग पूरी तरह घिर चुका है. स्काई इटालिया से बात करते हुए फेडरर ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि पेंग सुरक्षित है. टेनिस परिवार हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़ा होता है. मैंने हमेशा अपने बच्चों से कहा है कि टेनिस परिवार मेरा दूसरा परिवार है. मैं 20-25 साल से दौरा कर रहा है और मुझे ये दौरे बेहद पसंद हैं. मैं लोगों और खिलाड़ियों से बहुत प्यार करता हूं, वो मेरे लिए खास हैं. पेंग भी उनमें से एक हैं."
सोशल मीडिया पर बयान पोस्ट कर लगाया था आरोप
35 वर्षीय पेंग ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर एक बयान पोस्ट किया जिसमें उन्होंने सत्तारुढ़ पार्टी की स्थायी समिति के एक पूर्व सदस्य झांग गाओली पर गैर-सहमति से यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया. पेंग के बयान से चीनी सरकार की पूरी दुनिया में किरकिरी हो गई. क्योंकि झांग गाओली को सत्ता के गलियारों में काफी मजबूत नेता माने जाते हैं.
फरवरी में विंटर ओलंपिक तय है और चीनी सरकार की तरफ से मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं आने पर खेल के बहिष्कार के खतरा बन सकता था. इसलिए चीनी विदेश मंत्रालय तेजी से डैमेज कंट्रोल की कवायद में लग गया. उम्मीद के मुताबिक, पेंग चिराग से निकले जिन्न की तरह अचानक एक जूनियर टेनिस इवेंट में खुशी-खुशी अपने फैंस के लिए गेंदों पर साइन करती और भीड़ का अभिवादन करती नजर आईं. फिर वो दोस्तों के साथ एक रेस्टोरेंट में भी दिखीं. इस प्रकार हंसते मुस्कुराते फिर से प्रकट होना भी चीनी खेल का एक हिस्सा है. अपहृत किए जाने के बाद कई हाई प्रोफाइल व्यक्तियों को जबरन जनता के सामने पेश किया जाता रहा है. फिर वे सरकार द्वारा मुहैया कराए गए बयान पढ़ते हैं और मजबूरी के सभी आरोपों से इनकार करते हैं.
पेंग वाकई आजाद हैं ये कहना है मुश्किल
पेंग की स्वतंत्रता पर कितनी पाबंदी लगाई गई है, इसका आकलन करना मुश्किल है. और लोगों के सामने 'हैलो, मैं बिलकुल अच्छी हूं' कहने की टाइमिंग से शक होता है कि सब कुछ सुनियोजित था. ऐसे में जब दुनिया के तमाम देश कुछ महीनों में ही विंटर ओलंपिक के लिए जमा होने वाले है तब सिर्फ जंजीरों को खोलते हुए दिखाना ही काफी नहीं है बल्कि सही मायने में आजादी तो तब होगी जब पेंग की टेनिस सर्किट पर धमाकेदार वापसी होगी और उन्हें देश से बाहर जाने की अनुमति मिलेगी. हो सकता है ऐसा न हो और पता चले कि अचानक वो किसी चोट से घायल हो गईं या किसी बीमारी की चपेट में आ गईं या बंदूक की नोक पर उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया.
सच कहा जाए तो दुनिया विरोध की आवाज उठाने के अलावा बहुत कुछ नहीं कर सकती है. महिला टेनिस संघ के अध्यक्ष और सीईओ स्टीव साइमन ने रेस्तरां का वीडियो जारी होने के बाद पेंग की स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हुए कड़ा बयान जारी किया. "जहां उन्हें वापस देखना एक सकारात्मक बात है, इससे ये साफ नहीं है कि वाकई आजाद हैं और बिना किसी दबाव या दखल के अपने दम पर फैसला ले सकती हैं."
साइमन ने कहा, "अकेले यह वीडियो पर्याप्त नहीं है. जैसा कि मैंने हमेशा से कहा है, मैं पेंग शुआई के स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में चिंतित हूं और यौन उत्पीड़न के उनके आरोपों को सेंसर किया जा रहा है, उसे रफा-दफा करने की कोशिश हो रही है. आगे क्या होना चाहिए इसको लेकर मेरी राय स्पष्ट है. चीन के साथ हमारा रिश्ता इस वक्त दोराहे पर है."
लेकिन अंतरराष्ट्रीय खेल की मेजबानी या उसमें हिस्सेदारी को लेकर चीन का बहिष्कार करना निश्चित ही एक बड़ी छलांग साबित होगी. क्योंकि इसे अमली जामा पहनाना आसान नहीं होगा. लेकिन इतना तो मुमकिन है कि बीजिंग पूरी निष्पक्षता से पेंग के आरोपों की जांच करे.
Next Story