सम्पादकीय

IPL 2022: रवींद्र जडेजा पर दिखा धोनी के अचानक कप्तानी छोड़ने का दबाव और KKR ने ले लिया बदला

Gulabi Jagat
27 March 2022 8:51 AM GMT
IPL 2022: रवींद्र जडेजा पर दिखा धोनी के अचानक कप्तानी छोड़ने का दबाव और KKR ने ले लिया बदला
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रवींद्र जडेजा पर पहला मैच नियमित कप्तान के रूप के खेलने का दबाव साफ दिखाई दिया
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट मंच सज चुका है. आईपीएल (IPL) के पिछले सीजन चेन्नई सुपर किंग्स ने कोलकाता नाइट राइडर्स (CSK vs KKR) को हराकर खिताब जीता था. अब इस सीजन के आगाज में ही केकेआर (KKR) ने उस शिकस्त का बदला ले लिया. कप्तानी के बिना खेलते हुए महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने इस मैच में तीन साल बाद अर्धशतक लगाया, लेकिन अफसोस वह भी नाकाफ़ी साबित हुआ. दिलचस्प यह कि एमएसडी दबाव मे नहीं दिखे, और उन्होंने शानदार स्ट्राइक रेट से 38 गेंदों मे 7 चौके और एक छक्के की मदद से अर्धशतक पूरा किया.
रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) पर पहला मैच नियमित कप्तान के रूप के खेलने का दबाव साफ दिखाई दिया. ऐसा लगा जैसे कप्तान के रूप मे अपनी रणनीतियों पर काम करने का उन्हे भरपूर मौका नहीं मिला. टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग का भी यह कहना कि कप्तानी से हटने के समय का फैसला धोनी (MS Dhoni) का ही था, इस बात का इशारा माना जा सकता है कि इसकी टाइमिंग बेहतर हो सकती थी. जडेजा न तो बल्ले से चल पाए, न ही गेंदबाजी मे हाथ दिखा पाए, और टॉस जीतना तो सिर्फ एक तुक्के की बात होती है. हालाकि टॉस के मामले मे धोनी की किस्मत जबरदस्त थी, 2018 से उन्होंने 63 मैचों में कुल 37 टॉस जीते थे. आईपीएल में कम से कम शुरुआती दौर में टॉस इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि बाद मे फील्डिंग करने वाली टीम को शबनम परेशान कर सकती है, कल पहले दिन का खेल देखकर कम से कम ऐसा ही लगा.
दरअसल पहले खेलते हुए चेन्नई की टीम शुरू से ही संघर्ष करती दिखाई दी और एक समय उसके 5 विकेट सिर्फ 66 के स्कोर पर सिमट गए. ऋतुराज गायकवाड, डेवोन कॉनवे की कमजोर शुरुआत के बाद चेन्नई का मध्य क्रम पूरी तरह असफल रहा. शिवम दुबे अक्सर अपनी जिम्मेदारी निभाने में कामयाब नहीं हो पाते. शुक्र है धोनी का, जो स्कोर 131 तक खींच ले गए.
कमजोर लक्ष्य ने केकेआर के इरादों को मजबूत किया, और अजिंक्य रहाणे, वेंकटेश अय्यर, नीतीश राणा, कप्तान श्रेयस अय्यर और सैम बिलिंग्स सभी कुछ न कुछ स्कोर बना गए. ड्वेन ब्रावो ने तीन विकेट निकालकर लीग की बेहतर शुरुआत की. इससे पहले विकेटकीपर शेल्डन जैक्सन ने जिस तरह से चेन्नई की पारी में रॉबिन उथप्पा का शिकार किया, वह काबिलेतारीफ था. यहां तक की सचिन तेनडुलकर ने अपने ट्वीट मे उस स्टंपिंग की सराहना की.
धोनी की कप्तानी के बिना चेन्नई कल पहले दिन उतरी तो आज दूसरे दिन विराट की कप्तानी के बिना, आरसीबी के सामने होगी पंजाब किंग्स. आज पहला डबल हेडर है, दोपहर के मुकाबले में दो महानगरों की भिड़ंत होगी, जहां अनुभवी रोहित शर्मा के सामने दिल्ली कैपिटल्स के साथ ऋषभ पंत मौजूद होंगे. खिताब भले ही मुंबई ने पांच जीते हों, लेकिन इन दोनों टीमों के बीच जीत हार में ज्यादा फर्क नहीं है.
वैसे दुनिया की इस सबसे बड़ी लीग में इस बार ऐसा बहुत कुछ हो रहा है, जिसे देखने की अब तक आदत नहीं थी. मसलन टॉस के लिए अब धोनी और कोहली नहीं आएंगे, दोनों जब एक साथ टॉस के लिए आते थे, तो उनकी आपसी समझदारी के कसीदे पढे जाते थे. लेकिन इस बार न तो वह टॉस के लिए जाएंगे और न ही आम तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई देंगे. कोहली पिछले सीजन के तुरंत बाद ही कप्तानी के चोले को पूरी तरह उतार चुके थे. धोनी ने लीग शुरू होने से सिर्फ तीन दिन पहले कप्तानी से हटने की घोषणा की , और रवीन्द्र जडेजा के सिर पर कप्तानी का ताज रखवा दिया. अभी तक कहा यह जा रहा था, कि धोनी कप्तानी की वजह से टीम की जरूरत है, लेकिन पहले मुकाबले में तेवर देखकर ऐसा लगता है कि संभवतः धोनी बिना दबाव के आखिरी सीजन को यादगार बनाना चाहेंगे. वैसे उनका रोल धीरे धीरे मेंटोर का हो रहा है, और आने वाले समय में इसे औपचारिक कर दिया जाए तो हैरत न होगी.
फाफ़ डू प्लेसी के पास कप्तानी का पहले तजुर्बा हो सकता है, लेकिन आईपीएल में उन्हे पहली बार कप्तानी का मौका मिलेगा. कोहली के हटने के बाद अब फाफ ही बेंगलूरू की कमान संभालेंगे. पंजाब किंग्स से लोकेश राहुल के चले जाने के बाद मयंक अग्रवाल भी कप्तान के रूप में इस बार डेब्यू करने वाले है. लोकेश राहुल ने लखनऊ का जिम्मा संभाल लिया है. श्रेयस अय्यर केकेआर पहुंच गए हैं, और फिटनेस की समस्या से जूझ रहे हार्दिक पाण्ड्या, नई टीम गुजरात की बागडोर संभालेंगे. हार्दिक को कप्तानी सौंप कर संभवतः गुजरात जाएंट्स ने बड़ा जोखिम लिया है.
जब से कोरोना ने पैर पसारे हैं, बायो बबल में ही लीग कराई गई है, कभी देश के अंदर तो कभी बाहर. इस बार सिर्फ मुंबई और पुणे मेजबानी करेंगे, और दावा है कि बबल के नियम भी बेहद कड़े होंगे. गनीमत कि फिलहाल कोरोना थोड़ा विश्राम की अवस्था में है, लेकिन कब जाग जाए कहना मुश्किल. फिर बबल मे सेंध तब ही लगती है, जब बड़े खिलाड़ी या महत्वपूर्ण अधिकारी और उनके परिवार अपने रसूख का इस्तेमाल करते हैं. डीआरएस इस बार दो मिलेंगे, यानि ऑन फील्ड अम्पायर की मिट्टी पलीद ज्यादा होगी.
कोरोना की वजह से इंटरनेशनल कलेंडर में बैकलॉग कायम है, और उसकी भरपाई के लिए कैलेंडर भी टाइट है, इसी वजह से कुछ इंटरनेशनल प्लेयर समय से उपलब्ध नहीं हो सके हैं. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड की सोमवार तक मेजबानी कर रहा है, ऑस्ट्रेलिया का पाकिस्तान दौरा 5 अप्रैल को पूरा होगा और बांग्लादेश की टीम 12 अप्रैल तक दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है. ऐसे में नेशनल ड्यूटी कर रहे इंटरनेशनल खिलाड़ी कुछ शुरुआती मैचों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. पहले ही मैच में दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज ड्वेन प्रिटोरियस और इंग्लैंड के मोईन अली शिरकत नहीं कर पाए, हालांकि मुंबई पर इंटरनेशनल कैलेंडर के व्यस्त रहने का कोई खास असर नहीं पड़ा है. टीम में शामिल तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर, इंजरी की वजह से पूरे सीजन में नहीं खेल पाएंगे. इसी तरह दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज एनरिक नॉर्किया भी फिलहाल घायलों की फेहरिस्त मे शामिल हैं. एक और तेज गेंदबाज दीपक चाहर का भी शुरुआती मुकाबलों में चोट की वजह से शामिल न होना, चेन्नई को परेशान कर सकता है. इसके अलावा जेसन होल्डर, मार्कस स्टॉयनिस, क्विंटन डिकॉक, अलजारी जोसेफ, डेविड मिलर, एरोन फिंच, पैट कमिंस, एडेन मार्करम, सीन एबॉट, डेविड वॉर्नर, मिचेल मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, जोश हेजलवूड सरीखे टॉप स्टार्स शुरुआती मैचों मे दिखाई नहीं देंगे.
आईपीएल और विवाद का चोली दामन का साथ रहा है. अभी तो सिर्फ शुरुआत ही हुई है. राजस्थान रॉयल्स की सोशल मीडिया टीम ने अपने कप्तान संजू सैमसन को लेकर एक ट्वीट कर दिया, जिसमे उन्हें अजीब सी टोपी पहना दी गई. कप्तान साहब उसे दिल पर ले गए, और उन्होंने न सिर्फ उसका जवाब दिया, अपनी ही टीम को अनफॉलो भी कर दिया. प्रबंधन को कूदना पड़ा, वक्तव्य जारी करना पड़ा ताकि मीडिया में इस विवाद को और हवा न मिल सके. क्योंकि यहां तो ताड़ बनाने के लिए तिल की भी जरूरत नही होती.
कुल मिलाकर 65 दिन तक समूची क्रिकेट की दीवानी दुनिया आईपीएल के नशे में होगी. हालाकि इस बार मैच सिर्फ दो जगहों पर यानि मुंबई और पुणे में खेले जाएंगे. दो नई टीमों लखनऊ और गुजरात के जुडने से इस बार 60 की जगह 74 मुकाबले होंगे. पहले भी टीमें 14-14 मैच लीग के दौरान खेलती थीं, इस बार भी उन्हे इतने ही मैच खेलने होंगे. मुंबई मे तीन स्टेडियम, वानखडे, ब्रेबोर्न स्टेडियम और डीवाई पाटिल में मैच खेले जाएंगे, जबकि पुणे में एमसीए इंटरनेशनल स्टेडियम का इस्तेमाल किया जाएगा. कुल मिलाकर 12 दिन डबल हेडर होंगे, यानि एक दिन मे दो मैचों का लुत्फ लिया जा सकेगा.


(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए जनता से रिश्ता किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)
संजय बैनर्जी ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट व कॉमेंटेटर
ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट व कॉमेंटेटर. 40 साल से इंटरनेशनल मैचों की कॉमेंट्री कर रहे हैं.
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