सम्पादकीय

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : प्रदेश पुलिस की महिला अधिकारियों का योगदान

Rani Sahu
7 March 2022 7:02 PM GMT
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : प्रदेश पुलिस की महिला अधिकारियों का योगदान
x
जहां नारी की पूजा की जाती है, उसका सम्मान किया जाता है

जहां नारी की पूजा की जाती है, उसका सम्मान किया जाता है, वहां देवताओं का वास होता है। महिलाओं के जीवन की दास्तां आदिकाल से ही संघर्षपूर्ण रही है। एक समय था जब महिलाओं का दायरा केवल घर की चारदीवारी तक ही सीमित था। लेकिन ज्यों-ज्यों वक्त का पहिया रफ्तार पकड़ता गया, त्यों-त्यों परिस्थितियां बदलती गईं। परिणामस्वरूप आज महिलाएं विकट परिस्थितियों से लड़कर अपनी क्षमता का परिचय देकर हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। समाज की महिलाओं में सुरक्षा, सजगता और समृद्धि का सृजन करने के लिए महिलाओं का जागृत होना अति आवश्यक है। इतिहास गवाह है कि जब से महिलाओं ने चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपने कदम बढ़ाए हैं तब से परिवार ही नहीं बल्कि समूचा राष्ट्र भी विकास की ओर उन्मुख हुआ है।

अगर पुलिस विभाग की बात की जाए तो इस क्षेत्र में भी महिलाएं बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए अभूतपूर्व योगदान देने में सफल हुई हैं। वर्तमान में पुलिस विभाग में महिला अधिकारियों की तैनाती पुरुष प्रधान रूढि़वादी सोच से मुक्त होकर व्यापक स्तर पर की जा रही है। पुलिस विभाग के प्रत्येक स्तर पर लैंगिक समानता लाने हेतु महिला पुलिस अधिकारियों के लिए कार्य के समान अवसर सृजित करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं जिसके नतीजे जमीनी स्तर पर देखे जा सकते हैं। एक समय था जब मां-बाप बेटियों को पुलिस में भर्ती करवाने में अनिच्छा ज़ाहिर करते थे क्योंकि आम जनमानस के बीच पुलिस की छवि सदैव नकारात्मक ही रही है। अंग्रेजी हुकूमत के समय से ही पुलिस का दमनकारी व अत्याचारी व्यवहार पुलिस की छवि को धूमिल करने का प्रमुख कारण रहा है।
जब से पुलिस का गठन किया गया था, तब से पुलिस बल में महिलाओं की संख्या शून्य के बराबर ही थी, लेकिन वक्त के साथ-साथ जहां महिलाओं व बच्चों से यौन संबंधित अपराधों में बढ़ोतरी हुई, वहीं दूसरी ओर पुलिस में महिलाओं की उपस्थिति आवश्यक समझी गई जिसके चलते पिछले कुछ वर्षों से महिला पुलिस की संख्या पुलिस विभाग में बढ़ी है। यहां तक कि गृह मंत्रालय भारत सरकार ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया है। अगर हम हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग की बात करें तो राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए 25 फीसदी सीटें अनिवार्य की हैं। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में लगभग दो हजार से ज्यादा महिला जवान विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं निष्पादित कर रही हैं। प्रदेश पुलिस में भारतीय पुलिस सेवा व राज्य पुलिस सेवा की लगभग चौबीस महिला पुलिस अधिकारी वरिष्ठ पदों पर आसीन होकर अपनी सेवाओं का बखूबी निष्पादन कर रही हैैं। इन महिला अधिकारियों में भारतीय पुलिस सेवा की सतवंत अटवाल, सुमेधा द्विवेदी, रानी बिंदु, वीना भारती, सौम्या सांबशिवन, सुभ्रा तिवारी, रंजना चौहान, अंजुम आरा, शालिनी अग्निहोत्री, साक्षी वर्मा, मोनिका भुटुंगरू, आकृति शर्मा, चारू शर्मा, इल्मा अफरोज, सृष्टि पांडे व कामना मिश्रा शामिल हैं, जबकि हिमाचल पुलिस सेवा की बबीता राणा, श्वेता, रेणु शर्मा, प्रतिभा चौहान, गुलशन नेगी, मीनाक्षी, वसुधा सूद, गीतांजलि ठाकुर व सुषमा वर्मा भी अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दे रही हैं।
प्रवीण राणा
लेखक डरोह से हैं


Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story