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- ड्रेगन के खिलाफ...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत और चीन के बीच जारी नौ महीने के गतिरोध के बाद लद्दाख स्थित पैगोंग झील के उत्तर दक्षिण तट पर दोनों देशों के सैनिकों को हटाने पर बनी सहमति के बाद हर भारतीय ने राहत की सांस ली है। क्योंकि इस बात की आशंका थी कि दो बड़े देशों का टकराव विश्वव्यापी संकट को जन्म दे सकता था। यह एक अच्छा कदम है क्योंकि भारत ने ड्रैगन की आंख में आंख डालकर बात की और दोनों देशों की सेना अपने स्तर पर खुद ही समझौते का अनुसरण कर रही हैं। चीन पीछे हटने को तैयार इसलिए हुआ क्योंकि भारत की सेना ने पूर्वी लद्दाख और कैलाश पर्वत के आसपास के ऊंची पहाड़ी इलाकों पर मोर्चे सम्भाले हुए हैं। ऊंची पहाड़ियों पर भारत की मोर्चाबंदी से चीन को बहुत परेशानी हो रही थी। वैसे भी इस इलाके की भौगोलिक परिस्थिति और मौसम में अपने सैनिकों को ढालना चीन के लिए मुश्किल हो रहा था। उसके सैनिकों को बर्फ में डटे रहने का अनुभव नहीं था, इसलिए पीछे हटना उसकी मजबूरी थी।