सम्पादकीय

बचत योजनाओं पर ब्याज नहीं घटना चाहिए

Rani Sahu
24 April 2022 7:01 PM GMT
बचत योजनाओं पर ब्याज नहीं घटना चाहिए
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पिछले कुछ वर्षों से निरंतर रेपो रेट घटने के कारण करोड़ों जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशियों पर वाजिब ब्याज नहीं मिल पाने से जमाकर्ता अपने को ठगा सा महसूस करने लगे हैं

पिछले कुछ वर्षों से निरंतर रेपो रेट घटने के कारण करोड़ों जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशियों पर वाजिब ब्याज नहीं मिल पाने से जमाकर्ता अपने को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। 5 वर्ष पहले बुजुर्ग जमाकर्ता को 20 लाख की एफडी पर लगभग 18 हजार माहवार मिलता था, जबकि आज के समय में तकरीबन 11 हजार मिलते हंै, यानी 7 हजार रुपए का माहवार घाटा होता है। ऊपर से महंगाई की मार से जीना आसान नही रहा है। जनता की जमा राशियों के धन से ही कारपोरेट्स, व्यापारियों और अन्य को कर्ज मुहैया किया जाता है और उनको सस्ते ब्याज दर पर कर्ज देने के एवज में जमाकर्ताओं की जमा राशियों पर व्याज कम दिया जाता है। रेपो रेट घटाने की नीति से करोड़ों जमाकर्ताओं को चूना लगना तय हो जाता है। बचत योजनाओं पर ब्याज कम नहीं किया जाना चाहिए।

-रूप सिंह नेगी, सोलन




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